कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। कांगड़ा जिले के कोटला में गत दिवस बादल फट गया। अचानक मूसलाधार बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। आबादी के बीच गलियों में नदियों की तरह जलधार बही। लोगों का गृहस्थी का सामान बह गया। बारिश थमने के बाद लोग गलियों में सामान खोजते और अपने परिजनों, परिचितों का हाल-चाल जानते दिखे। कांगड़ा जिले के राहुल शर्मा बताते हैं कि इस वर्ष इंद्रदेव जैसे हिमाचल वासियों पर कहर बरपा रहे हैं। इस बारिश के सीजन में ये तीसरी बार है, जबकि तबाही की खबरें आ रही हैं। लोग चिंतित हैं।
तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कुल्लू के आनि बस अड्डे के पास भूस्खलन से 10 बहुमंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह गिर गईं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना का वीडियो ‘एक्स’ (ट्विटर) पर साझा किया है, जिसमें पहाड़ के दरकने से घर व ऊंची इमारतें भरभरा कर गिरती दिख रही हैं। हालांकि, प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए दो दिन पहले कुछ इमारतों को खाली करा लिया था। पर्यावरणविदों ने प्रकृति से खिलवाड़ कर हो रहे निर्माण को लेकर कई बार आपत्ति जताई लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। कांगड़ा जिले के कोटला में गत दिवस बादल फट गया। अचानक मूसलाधार बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। आबादी के बीच गलियों में नदियों की तरह जलधार बही। लोगों का गृहस्थी का सामान बह गया। बारिश थमने के बाद लोग गलियों में सामान खोजते और अपने परिजनों, परिचितों का हाल-चाल जानते दिखे।
तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कुल्लू के आनि बस अड्डे के पास भूस्खलन से 10 बहुमंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह गिर गईं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना का वीडियो ‘एक्स’ (ट्विटर) पर साझा किया है, जिसमें पहाड़ के दरकने से घर व ऊंची इमारतें भरभरा कर गिरती दिख रही हैं। हालांकि, प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए दो दिन पहले कुछ इमारतों को खाली करा लिया था। पर्यावरणविदों ने प्रकृति से खिलवाड़ कर हो रहे निर्माण को लेकर कई बार आपत्ति जताई लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।