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पहल…भूकम्प आएगा तो भवनों को नुकसान से बचाएंगे। जानिए

-सीबीआरआई रुड़की करेगा भवनों की रेट्रोफिटिंग शिमला.भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा से अब भवनों को खतरों से बचाया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार एवं पांच में है, जिसके चलते यहां भूकंप का अत्यधिक खतरा बना रहता है। भवनों को क्षति से बचाने के लिए रुड़की से चीफ साइंटिस्टों ने पहल […]

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-सीबीआरआई रुड़की करेगा भवनों की रेट्रोफिटिंग

शिमला.भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा से अब भवनों को खतरों से बचाया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार एवं पांच में है, जिसके चलते यहां भूकंप का अत्यधिक खतरा बना रहता है। भवनों को क्षति से बचाने के लिए रुड़की से चीफ साइंटिस्टों ने पहल की है।

कार्यशाला में आपदा प्रबन्धन पर चर्चा

जिला शिमला के भवनों को भूकंप प्रतिरोधक बनाने के उद्देश्य से यहां बचत भवन सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने की।

भूकंप प्रतिरोधक बनाने की आवश्यकता

एडीएम ने कहा कि भूकंप के दौरान जीवन को हानि हमारे भवन ही पहुंचाते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए हमें अपने भवनों को भूकंप प्रतिरोधक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार एवं पांच में आता है, जिसके चलते यहां भूकंप का अत्यधिक खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में काफी सारे पुराने भवन है, जिनकी रेट्रोफिटिंग करना आवश्यक है ताकि आपदा जोखिम में कमी लाई जा सके। ज्योति राणा ने कहा कि जिला शिमला में रेट्रोफिटिंग के लिए प्रथम चरण में लगभग 20 सरकारी भवनों का चयन किया गया है।

भवनों का लिया पूरा डाटा

उन्होंने कहा कि यह भवन काफी पुराने है। इन भवनों का पूरा डाटा एकत्रित करने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की द्वारा सम्बंधित विभाग को एक फॉर्म दिया जाएगा। इस फॉर्म पर भरे गए डाटा के आधार पर सीबीआरआई रुड़की रेट्रोफिटिंग के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे, जिसके पश्चात इन भवनों की रेट्रोफिटिंग की जाएगी। हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार एवं पांच में आता है, जिसके चलते यहां भूकंप का अत्यधिक खतरा बना रहता है। जिला शिमला में काफी सारे पुराने भवन है, जिनकी रेट्रोफिटिंग करना आवश्यक है ताकि आपदा जोखिम में कमी लाई जा सके। जिला शिमला में रेट्रोफिटिंग के लिए प्रथम चरण में लगभग 20 सरकारी भवनों का चयन किया गया है।

इन भवनों का किया चयन

जिला शिमला में रेट्रोफिटिंग के लिए उपमंडल शिमला (शहरी) के अंतर्गत राज भवन, ओक ओवर, हिमाचल प्रदेश सचिवालय, उपायुक्त कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आल इंडिया रेडियो बिल्डिंग एवं दूरदर्शन बिल्डिंग, रोहड़ू उपमंडल के अंतर्गत उपमंडल दंडाधिकारी कार्यालय भवन, तहसील कार्यालय चिड़गांव, संयुक्त कार्यालय कॉम्प्लेक्स चिड़गांव, पुराना भवन नागरिक अस्पताल रोहड़ू एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भवन रोहड़ू, जुब्बल उपमंडल के अंतर्गत नागरिक अस्पताल जुब्बल, तहसील कार्यालय जुब्बल, पुलिस स्टेशन जुब्बल तथा राजकीय (छात्र) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुब्बल, कोटखाई उपमंडल के अंतर्गत राजकीय (छात्र) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटखाई, तहसील कार्यालय कोटखाई एवं पुलिस स्टेशन कोटखाई तथा कुपवी उपमंडल के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुपवी के भवन प्रस्तावित है।

रुड़की से आए साइंटिस्ट

केंद्रीय भवन अनुसन्धान संस्थान रुड़की से चीफ साइंटिस्ट एसके नेगी एवं साइंटिस्ट आशीष कपूर विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हुए। एस के नेगी ने भवन उपनियम तथ आशीष कपूर ने भूकम्पीय भेदता मूल्यांकन तथा भवन के संरचनात्मक पहलू पर विस्तृत बात रखी। इस अवसर पर संबंधित विभागों से अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।