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करैरा बायपास रोड किनारे घास पर हुआ प्रसव

करैरा बायपास रोड किनारे घास पर हुआ प्रसवस्थानीय महिलाओं ने साड़ी का बनाया घेरा, जिसमें दिया नवजात को जन्मनहीं मिली सुविधा तो पैदल ही चल दिए थे दंपत्ति, रास्ते में उठी प्रसव पीड़ा

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करैरा बायपास रोड किनारे घास पर हुआ प्रसव

करैरा बायपास रोड किनारे घास पर हुआ प्रसव

करैरा बायपास रोड किनारे घास पर हुआ प्रसव
स्थानीय महिलाओं ने साड़ी का बनाया घेरा, जिसमें दिया नवजात को जन्म
नहीं मिली सुविधा तो पैदल ही चल दिए थे दंपत्ति, रास्ते में उठी प्रसव पीड़ा
शिवपुरी/अमोला। जाको राखे साईयां मार सके न कोए, यह कहावत बीती रात करैरा बायपास रोड पर चरितार्थ हुई। जब एक दंपत्ति पैदल करैरा अस्पताल जा रहे थे तो रात के अंधेरे में महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। बीच रास्ते में पति को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन आसपास रहने वाली महिलाओं ने जब वो दर्द सुना तो बिना देर किए घर से एक-एक साड़ी लेकर वो उस आवाज की दिशा में आगे बढ़ीं और खुले आसमान के नीचे साडिय़ों का कमरा बनाकर उसमें सुरक्षित प्रसव कराया। बाद में महिला व उसके नवजात शिशु को गांव की एक गाड़ी से करैरा अस्पताल ले जाया गया।
करैरा विकासखंड के ग्राम मुहार में रहने वाले नरेंद्र परिहार की पत्नी को प्रसव होना था। सोमवार की शाम से जब उसे घर में प्रसव पीड़ा होना शुरू हुई तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए नरेंद्र ने 108 को कॉल किया। जब लंबे इंतजार के बाद शासन की यह सुविधा नहीं पहुंची तो नरेंद्र व उसकी पत्नी पैदल ही करैरा अस्पताल जाने के लिए चल दिए। प्रसव से पूर्व पति के साथ पैदल चल रही नरेंद्र की पत्नी को रात्रि लगभग 9 बजे करैरा बायपास पर आकर एकाएक तेज दर्द उठने लगा। पत्नी को दर्द से तड़पता देख नरेंद्र को कुछ समझ नहीं आया जबकि उसकी पत्नी सडक़ किनारे घास पर लेटकर दर्द से चिल्ला रही थी। उसकी आवाज बायपास रोड पर रहने वाली महिलाओं ने जब सुना तो वे समझ गईं कि यह दर्द किसी प्रसूता का है, तो वे अपने घरों से साड़ी लेकर उसके पास पहुंची और साडिय़ों का घेरा बनाकर महिला का प्रसव कराया।
गांव से आई गाड़ी, ले गई अस्पताल
इसी बीच टीला गांव के एक व्यक्ति अपना चार पहिया वाहन लेकर आया और महिला व नवजात सहित नरेंद्र को लेकर वो करैरा अस्पताल पहुंचा। जहां पर प्रसूता व उसके नवजात शिशु को भर्ती कर लिया गया। नरेंद्र की पत्नी ने खुले आसमान के नीचे साडिय़ों के कमरे में पुत्र को जन्म दिया।
बोले सीबीएमओ: जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं
रात में लाए गए जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही दोनों स्वस्थ हैं। 108 का संचालन सीधे भोपाल से ही होता है, तथा कई बार हम भी जब कॉल करते हैं तो भोपाल से ही लोकेशन ट्रेस करके वाहन पहुंचाया जाता है।
डॉ. प्रदीप शर्मा, सीबीएमओ करैरा
फोटो:
एसपी 27001- सडक़ किनारे गाड़ी की आड़ में प्रसूता को तसल्ली देतीं स्थानीय महिलाएं तथा घबराया खड़ा नरेंद्र