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एमपी के इस जिले में कुपोषण का कहर, एक साथ 14 मासूम हुए भर्ती, मचा हड़कंप

Malnutrition Wreaks Havoc : अफसरों की लापरवाही से एक बार फिर शिवपुरी में कुपोषण पैर जमाने लगा है। यहां कुपोषण के 14 नए मामलों सामने आए हैं। ये सभी बच्चे इसी महीने भर्ती किए गए हैं। बच्चों को खासतौर पर उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायत है।

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Malnutrition Wreaks Havoc

एमपी के इस जिले में कुपोषण का कहर (Photo Source- Patrika)

Malnutrition Wreaks Havoc : मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक बार फिर कुपोषण अपने पांव पसार रहा है। हैरानी की बात ये है कि, जुलाई माह के महज 16 दिनों में में अब तक 14 नए कुपोषित बच्चों के मामले सामने आ चुके हैं, जिन्हें जिले के अलग-अलग हिस्सों से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन बच्चों को जब उल्टी, दस्त और बुखार जैसी समस्याएं हुईं, तो माता-पिता उन्हें खुद अस्पताल लेकर पहुंचे। मेडिकल जांच के बाद इनके कम वजन और शारीरिक कमजोरी को देखते हुए इन्हें कुपोषित मानते हुए भर्ती किया गया।

बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए इनमें से 6 को पीआईसीयू, 4 को चिल्ड्रन वार्ड और 4 को एनआरसी में भर्ती किया गया है। डॉक्टर्स के मुताबिक फिलहाल सभी की हालत स्थिर है।

विभागों की लापरवाही उजागर

हालांकि, इस पूरे मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। अधिकतर माता-पिता का आरोप है कि उनके घर कभी भी कोई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण आहार लेकर नहीं आया। खिचड़ी, दलिया या अन्य पोषण सामग्री देना तो दूर की बात है, बच्चों के बीमार होने पर जब वे खुद अस्पताल पहुंचे, तभी उन्हें पहली बार पता चला कि उनका बच्चा कुपोषित है।

'अबतक कोई नहीं आया'

नीलम यादव अपने 9 माह के कुपोषित बच्चे को लेकर अस्पताल आईं। उनका कहना है कि हमारे यहां कभी कोई आंगनबाड़ी वाला नहीं आया। अब डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हालत स्थिर है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सिंह जादौन ने कहा कि जून तक जिले में 685 कुपोषित बच्चे थे। अब जो 14 नए केस सामने आए हैं, उनमें से कुछ पहले की सूची में भी हो सकते हैं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि हर घर की निगरानी करें। यदि किसी ने लापरवाही की है, तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।