किसी ने रोजनदारी पर चुनाव प्रचार का ठेका दे दिया तो किसी ने अपने रिश्तों की दुहाई देकर यह जिम्मेदारी अपने नजदीकियों को सौंप दी। सोशल मीडिया पर एकतरफा हो रहे चुनाव प्रचार से निर्वाचन अधिकारियों ने भी आंखे बंद कर ली हैं।
शिवपुरी जिले की विधानसभा सीटों पर कुछ प्रत्याशी तो 70 वसंत देखने के बाद चुनाव मैदान में है। इतने लंबे राजनीतिक सफर के बाद वो खुद भले ही मोबाइल में अधिक जानकारी नहीं रखते, लेकिन उनका चुनाव प्रचार पूरी तरह से डिजिटल होकर हाईटेक तरीके से चल रहा है। किसी ने रोजनदारी पर चुनाव प्रचार का ठेका दे दिया तो किसी ने अपने रिश्तों की दुहाई देकर यह जिम्मेदारी अपने नजदीकियों को सौंप दी। सोशल मीडिया पर एकतरफा हो रहे चुनाव प्रचार से निर्वाचन अधिकारियों ने भी आंखे बंद कर ली हैं।
शिवपुरी विधानसभा में कुछ प्रत्याशी की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है, जबकि करैरा में कुछ प्रत्याशी उम्र के इस पड़ाव को पार कर चुके हैं। चूंकि अब समय के साथ-साथ चुनाव प्रचार भी बदल गया तथा मोबाइल पर ही लोग प्रत्याशियों की हार-जीत का आंकलन कर रहे हैं। यह उम्रदराज प्रत्याशी मोबाइल में सिर्फ फोन लगाना और फोन उठाना ही जानते हैं, लेकिन इन दिनों मोबाइलों पर उनका चुनाव प्रचार जोरदार तरीके से चल रहा है। प्रत्याशी तो गांव-गांव व घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहा है, तथा उसके जनसंपर्क की रिकॉर्डिंग करके उसमें गाने आदि सेट करके सोशल मीडिया पर चलाने वाली टीम अपना काम कर रही है।
सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार का एक ठेकेदार ने तीन-चार विधानसभाओं का ठेका उठा लिया है। जिसमें उसने किराए पर लडक़ेेे रखकर हर दिन के पैमेंट पर भुगतान की व्यवस्था की है। प्रत्याशी भी अपने प्रचार-प्रसार के लिए ठेकेदार को हर दिन या सप्ताह में भुगतान करके आधुनिक बन गए हैं। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि कुछ प्रत्याशी तो अभी भी की-पेड मोबाइल ही चलाते हैं, लेकिन एंड्रॉयड मोबाइल पर उनका चुनाव प्रचार दम से चल रहा है।
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