
स्कूलों में बच्चों को पानी पिलाने की योजना पर अफसरों और ठेकेदारों ने फेरा पानी, करोड़ों खर्च फिर भी नहीं मिल रहा पानी
संजीव जाट की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास विकासखंड में संचालित प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराने के उद्देश्य लिए 'जल जीवन मिशन' योजना के तहत लागू की गई योजना बदरवास विकासखंड में दम तोड़ती नजर आ रही है।
जानकारी के अनुसार, प्रदेशभर में जलजीवन मिशन के तहत विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे छात्रों को स्थाई रूप से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजना लागू की गई थी, जिसके तहत स्कूल, आंगनवाड़ी में लगे हैंडपंप को चालू रखते हुए उसमें मोटर डालकर टंकी निर्माण करना था, जिससे शौचालय, बाथरूम और पेयजल के लिए प्लेटफार्म बनाकर उसमें आधा दर्जन टोंटी लगाकर कनेक्शन करना था।
एक लाख रुपए से काफी अधिक राशि प्रत्येक स्कूल को शासन ने स्वीकृत की थी। शासन ने इस योजना के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को एजेंसी बनाकर काम पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन बदरवास ब्लॉक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उदासीनता, लापरवाही और ठेकेदारों के गठजोड़ और मिलीभगत के कारण लक्ष्य के अनुसार आज भी 265 विद्यालय व 69 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं बन पाई हैं, जिससे नौनिहाल पेयजल के लिए तरस रहे हैं और दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
चूंकि आंगनबाड़ी और स्कूलों पर शुद्ध पानी उपलब्ध हो इस उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए, लेकिन छात्र - छात्राओं को पीने के लिए बनाई व्यवस्था से नलों में एक बूंद भी नहीं आया। कई जगह तो मोटर ही नहीं डाली गईं और न ही फिटिंग की गई और कई जगह मोटर डालकर निकाल ली गई हैं और कई जगह तो टंकी ही नहीं बनी और बनाई हैं तो वो भी इतनी घटिया क्वालिटी की हैं जो कई जगह जमींदोज हो चुकी हैं।
लापरवाही फिर न पड़ जाए बच्चों की जान पर भारी
मध्य प्रदेश के मुरैना समेत कई स्थानों पर स्कूलों में बनी घटिया क्वालिटी की टंकियों के गिरने से बच्चों की मौत की घटनाएं हो चुकी हैं। बदरवास ब्लॉक में भी किसी दिन ऐसा हादसा या अनहोनी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ठेकेदारों के भ्रष्टाचारी गठबंधन द्वारा बनाई गई इन टंकियों से हो सकता है। विभाग ने भ्रष्टाचार के बल पर स्कूल और आंगनवाड़ियों के नोनिहालों की जान से खिलवाड़ करने का जबरदस्त कृत्य किये हैं। पीएचई और ठेकेदार की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की इस जल सप्लाई में बड़ा ही अजीब और लापरवाही का आलम रहा। बोर मैं मोटर डाली गई, लेकिन इस मोटर को चलाने के लिए बिजली कनेक्शन ही नहीं दिया और यही बात ठेकदारों और विभाग को लाभदायक सिद्ध हुई, क्योंकि कई स्थानों पर मोटर डालने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें वापस निकाल लिया गया।
नियम के तहत नहीं हुआ काम
पीएचई और ठेकेदारों के इस मिलीभगत और गठजोड़ ने बच्चों को पेयजल के लिए जो प्लेटफार्म बनाए हैं वो इतनी घटिया बनाए हैं कि कई जगह इनके अवशेष भी नहीं बचे हैं। बच्चों को पानी पीने के लिए बनाए गए इन प्लेटफार्म में मानकों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। कई स्कूल में इतने ऊंचे प्लेटफार्म बनाए हैं, जहां नोनिहाल पहुंच ही नहीं पाते तो कई जगह बहुत ही नीचे प्लेटफार्म बनाए गए हैं। नियमानुसार, बच्चों को शुद्ध पेयजल के लिए बने इन प्लेटफार्म में उच्च गुणवत्ता की नल टोंटी फिटिंग कर टाइल्स लगाए जाने थे, लेकिन पूरे बदरवास ब्लॉक में किसी भी स्कूल या आंगनवाड़ी में बने प्लेटफार्म में टाइल्स नाम की कोई चीज नहीं लगाई गई।
सरकार की योजना, अफसरों की जेब गर्म
सरकार द्वारा स्कूल और आंगनवाड़ी के नौनिहालों को पेयजल और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पानी सप्लाई की अच्छी योजना बनाई थी, लेकिन इस योजना का धरातल पर क्रियान्वयन में घोर लापरवाही और जबरदस्त भ्रष्टाचार किया गया है और शासन की एक अच्छी योजना की धज्जियां उड़ाकर अधिकारी और ठेकेदारों के गठजोड़ ने अपनी जेबें गर्म कर ली हैं और सरकार की इस महत्वाकांक्षी बच्चों को पानी उपलब्ध कराने की योजना पर लापरवाही और भ्रष्टाचार ने पानी फेर दिया है।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि
- मामला सज्ञान में आते ही शिवपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव का कहना है कि, हमारे द्वारा इस संबंध में विभाग से जानकारी मांगी गई है। क्योंकि, छात्र - छात्राओं और आंगनबाड़ी पर सुविधा की दृष्टि से ये नलजल योजना की व्यवस्था की गई थी, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं होने के कारण हमारे द्वारा उक्त पूरे मामले को लेकर विभाग से पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। अगर लापरवाही सामने आती है तो उक्त दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- बदरवास के महिला बाल विकास समिति के सभापति और पार्षद राहुल जाट का कहना है कि, अभी भौतिक सत्यापन नही कराया है मामला सज्ञान में शीघ्र ही भौतिक सत्यापन के बाद लापरवाही सामने आती है तो वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखेंगे। बदरवास नगर की आंगनबाड़ियों पर जाकर देखा तो वहां कोई टँकी नही बनाई है जबकि बिभाग द्धारा बनाया जाना दिखाया है उक्त पूरे मामले को लेकर बरिष्ट अधिकारियों से शिकायत करुगा।
- बदरवास शिक्षा समिति की सभापति सीमा दिलीप चौधरी का कहना है कि, मेने देखा है कि, बदरवास नगर के स्कूलों में इनके द्वारा घटिया निर्माण कर टंकी तो बना दी गई हैं, लेकिन उनमें पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पूरे मामले को लेकर मेरे द्वारा अधिकारियों को शिकायत की गई है।
Published on:
18 Dec 2022 07:09 pm
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