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डिप्टी कलेक्टर के लॉगिन से परमीशन, कार्रवाई बाबुओं पर…!

शहर में रेड जोन क्षेत्र से आए कोरोना पॉजीटिव मरीज को परमीशन तो डिप्टी कलेक्टर की लॉगिन पासवर्ड से दी गई थी, परंतु अधिकारियों ने उन्हें बचाते हुए ऑपरेटरों पर कार्रवाई कर दी है।

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डिप्टी कलेक्टर के लॉगिन से परमीशन, कार्रवाई बाबुओं पर...!

डिप्टी कलेक्टर के लॉगिन से परमीशन, कार्रवाई बाबुओं पर...!

शिवपुरी। शहर में रेड जोन क्षेत्र से आए कोरोना पॉजीटिव मरीज को परमीशन तो डिप्टी कलेक्टर की लॉगिन पासवर्ड से दी गई थी, परंतु अधिकारियों ने उन्हें बचाते हुए ऑपरेटरों पर कार्रवाई कर दी है।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान शासन द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार रेड जोन से न तो कोई व्यक्ति कहीं आ सकता है और न ही जा सकता है। इसके बाबजूद शिवपुरी आए तीसरे कोरोना पॉजीटिव को रेड जोन क्षेत्र से आने की अनुमति प्रदान करने का मामला बड़ा है, क्योंकि उसे यह अनुमति किसी भी स्थिती में प्रदान नहीं किया जाना थी। इसके बावजूद उसके परिवार वालों ने 2 मई को जिस समय अनुमति के लिए आवेदन किया उससे महज कुछ घंटों बाद बिना किसी जांच के रेड जोन एरिया से उसे डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता के हस्ताक्षर से अनुमति प्रदान किया जाना जांच का विषय है। इस मामले में बाबू और ऑपरेटर स्तर के तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई कर कहीं न कहीं अधिकारी डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को बचाए जाने के साथ-साथ बड़े मामले को दबाए जाने का प्रयास है। यहां विचारणीय पहलू यह है कि जिस लॉगिन-पासवर्ड से अनुमति प्रदान की गई थी वह लॉगिन-पासवर्ड बाबुओं या कम्प्यूटर ऑपरेटर का नहीं बल्कि डिप्टी कलेक्टर का था, ऐसे में कार्रवाई तीन छोटे कर्मचारियों पर किस आधार पर की गई है। इसके अलावा यह इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जब डिप्टी कलेक्टर ने अनुमति पर हस्ताक्षर किए थे, तब इस बात पर ध्यान क्यों नहीं किया कि उक्त अनुमति किस स्थान से लोगों को लाने के लिए मांगी जा रही है? अगर रेड जोन से किसी व्यक्ति को लाए जाने की अनुमति दी जा सकती थी तो फिर दर्जनों लोगों की एप्लीकेशन केवल रेड जोन का हवाला देते हुए क्यों रद्द की गई?


जांच होगी तो निकलेंगी कई अनुमति
यहां बताना होगा कि यह मामला तो सिर्फ इसलिए तूल पकड़ गया क्योंकि मोहम्मद शोएब कोरोना पॉजीटिव निकल गया। अगर ई-पास जारी करने के मामले की गहनता से जांच की जाए तो ऐसे दर्जनों मामले हैं जिन्हें नियमों को दरकिनार करते हुए ई-पास जारी किए गए हैं। अगर विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो ई-पास जारी करने के मामले में बड़ा झोलझाल है, जिसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

....तो फिर डिप्टी कलेक्टर की जांच क्यों नहीं?
इस मामले में जब कलेक्टर अनुग्रहा पी से बात की गई तो उनका कहना था कि अब शासन ने एक आदेश जारी कर दिया है। उक्त आदेश के तहत रेड जोन में फंसे लोगों को लाया जा सकता है, यह आदेश 4 या 5 मई को आया है। ऐसे में मोहम्मद शोएब को लाए जाने की अनुमति तो खुद व खुद अवैध हो गई क्योंकि वह 4 अप्रैल की अल सुबह 4 बजे तो शिवपुरी आ ही गया था। इसके बाबजूद कार्रवाई के दौरान इस बिंदु को ध्यान में न रखा जाना कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि डिप्टी कलेक्टर को कार्रवाई की जद से बचाया जा रहा है।


सामान्य व्यक्ति आज भी अनुमति के लिए परेशान
अगर ऐसे व्यक्ति की बात करें जिसकी कोई पहुंच नहीं है वह व्यक्ति आज भी लीगल होने के बाबजूद अनुमति लेने के लिए परेशान हो रहा है। कई लोगों को तो यह तक पता नहीं चल पा रहा है कि वह ई-पास के लिए आवेदन करें तो कैसे करें ? क्योंकि जिम्मेदारों ने इस बात कोई प्रचार प्रसार नहीं किया है कि ई-पास के लिए आवेदन करना कैसे है।

जब दस्तावेज अधूरे थे तो फिर परमीशन कैसे ?
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो उक्त परमीशन में मेडीकल सहित कुछ अन्य दस्तावेजों में कमी होने का मामला बता कर कार्रवाई की जद में लिया गया है। ऐसे में यहां इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जब दस्तावेज अधूरे थे तो फिर परमीशन दे कैसे दी गई और जिम्मेदार डिप्टी कलेक्टर ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया ?


सजा की जगह दिया गया इनाम
अगर इस मामले में वैधानिक रूप से देखा जाए तो डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। ऐसे में नियमानुसार उन्हें कार्रवाई की जद में लिया जाना था, परंतु उन्हें इस मामले में पूरी तरह से बचाते हुए सजा की जगह करैरा एसडीएम बनाकर इनाम और दे दिया गया है।

कलेक्टर से सीधी बात...

पत्रिका : लॉगिन डिप्टी कलेक्टर का था, कार्रवाई बाबूओं पर क्यों ?

कलेक्टर: लॉगिन पासवर्ड अपने अधीनस्थों को दे रखा था। तीन कम्प्यूटरों पर काम करवाया जा रहा था।

पत्रिका : महत्वपूर्ण मामले में लॉगिन दूसरों को क्यों दिया गया ?

कलेक्टर: चार हजार एप्लीकेशन हैं, जिन्हें एक व्यक्ति द्वारा देखना संभव नहीं है। पोर्टल ऐसा है कि एक दिन में दो सौ से ज्यादा केस नहीं देखे जा सकते, इसलिए लॉगिन बांटा गया।

पत्रिका : रेड जोन से लाने से आने-जाने पर रोक के बाबजूद अनुमती क्यों ?

कलेक्टर: शासन ने 4 या 5 मई को अनुमती दे दी है कि रेड जोन से लोगों को लाया जा सकता है।(मोहम्मद शोएब को लाने की अनुमति 2 मई को दी गई थी।)

पत्रिका: फिर तो अब शिवपुरी में रेड जोन से लोग लाए जा सकेंगे?

कलेक्टर : हमारे यहां अभी पॉजीटिव निकला है, इसलिए हम अभी 11 मई तक रेड जोन से कोई परमीशन नहीं देंगे।