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टूटी बैसाखी बदलने 100 किमी दूर से आया आदिवासी दिव्यांग , जिम्मेदार बाले आवेदन दे जाओ, एक माह बाद मिलेंगी

शहर के पोहरी रोड स्थित सामाजिक न्याय विभाग में मंगलवार को एक दिव्यांग टूटी बैसाखियों के सहारे बमुश्किल दफ्तर में पहुंचा। उसे उम्मीद थी कि टूटी बैसाखियों की जगह नई बैसाखी सहारे के लिए मिल जाएंगीं, लेकिन उसे यहां सिर्फ आश्वासन ही मिला

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टूटी बैसाखी बदलने 100 किमी दूर से आया आदिवासी दिव्यांग , जिम्मेदार बाले आवेदन दे जाओ, एक माह बाद मिलेंगी

टूटी बैसाखी बदलने 100 किमी दूर से आया आदिवासी दिव्यांग , जिम्मेदार बाले आवेदन दे जाओ, एक माह बाद मिलेंगी

शिवपुरी. शहर के पोहरी रोड स्थित सामाजिक न्याय विभाग में मंगलवार को एक दिव्यांग टूटी बैसाखियों के सहारे बमुश्किल दफ्तर में पहुंचा। उसे उम्मीद थी कि टूटी बैसाखियों की जगह नई बैसाखी सहारे के लिए मिल जाएंगीं, लेकिन उसे यहां सिर्फ आश्वासन ही मिला कि आवेदन दे जाओ, एक माह बाद ले जाना। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दिव्यांग 100 किमी दूर से यहां अपना नया सहारा मांगने आया था।


पिछोर के कोटरा गांव में रहने वाले खलक सिंह आदिवासी का एक पैर नहीं है तथा वो बैसाखियों के सहारे ही चल पाता है। उसे चार साल पूर्व सामाजिक न्याय विभाग की ओर से नई बैसाखी दी गईं थीं, जो इतना समय गुजर जाने के बाद कई जगह से टूट गईं। उन टूटी बैसाखियों को सुतली से बांधकर वो किसी तरह बस में सवार होकर शिवपुरी आया कि मेरी टूटी बैसाखी की जगह नई बैसाखी मिल जाएंगी, लेकिन उसे यहां सिर्फ आश्वासन मिला । खलक सिंह ने बताया कि सामाजिक न्याय विभाग के दफ्तर में मिले बाबू ने कह दिया कि अभी आवेदन दे जाओ, फिर हम एक माह बाद तुम्हे बैसाखी मंगवाकर दे देंगे।

शिवपुरी पहुंचकर दिलवा दूंगा दिव्यांग को बैसाखी
मैं आज मीटिंग में भोपाल आ गया था, ऑफिस में मौजूद स्टाफ को शायद पता नहीं होगा। हमारे पास नई बैसाखी रखी हुई हैं। वैसे तो हम अब जेम के माध्यम से खरीदी करते हैं, लेकिन एक जोड़ी बैसाखी रखी हैं, जो मैं उस जरूरतमंद दिव्यांग को शिवपुरी पहुंचकर दिलवा दूंगा।
सुबोध दीक्षित, प्रभारी सामाजिक न्याय विभाग शिवपुरी