
यहां नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण, अजीब बीमारी की चपेट में आ रहे लोग
संजीव जाट की रिपोर्ट
शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाली बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत सालोन के ग्राम मोहनपुर में इन दिनों अज्ञात बीमारी का प्रकोप है। इस बीमारी से बीती रात एक किशोरी की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बीमारी के कारण शरीर में खून की कमी होने के साथ ही शरीर पीला पड़ रहा है। वहीं, क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं शून्य हैं, तथा नजदीकी ग्राम अगरा में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में ताले लटके है। फसल बर्बाद हो जाने की वजह से कुछ परिवार अपने बच्चों का कर्जा लेकर या फिर अपनी जमीन या मकान गिरवी रखकर गुना में इलाज करवाने को मजबूर हैं। गांव का हैंडपंप खराब होने की वजह से नाले से पीने का पानी भरकर लाते हैं, जो बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है।
मद्य प्रदेश और राजस्थान बॉर्डर पर स्थित सालोन पंचायत के मोहनपुर गांव में 80 घर है। साथ ही, यहां की आबादी लभगग 550 है। इन परिवारों में शामिल कमल पटेलिया की कक्षा तीसरी में पढ़ने वाली 12 वर्षीय बेटी अंजू को पहले बुखार आया और शरीर में अकड़न होने लगा। यही नहीं एकाएक बच्ची का शरीर शरीर पीला पड़ने लगा साथ ही, उसे कमजोरी बढ़ती चली गई। कमल उसे दिखाने डॉक्टर के पास जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन इससे पहले ही बीती रात बच्ची की मौत हो गई। यही नहीं, कमल की 4 वर्ष की बेटी अधिया और 2 साल का बेटा अंकेश भी बीमार हैं। बेटी की मौत के बाद कमल को अपने दो और बीमार बच्चों चिंता सता रही है।
यह हैं गुना में भर्ती
सिर्फ मोहनपुर गांव ही नहीं बल्कि उसके आसपास तो शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों ताले लटके हुए हैं, इसलिए गांव में बीमार हो रहे लोग गुना जिले जाकर इलाज कराने को मजबूर हैं। गांव में रहने वाले रमेश पटेलिया का 15 वर्षीय बेटा बंटी, पांगली बाई (22) पत्नी विजय सिंह एवं रीना (16) पुत्री मकना पटेलिया की हालत खराब होने की वजह से इनका इलाज गुना में चल रहा है। गांव में दो दर्जन लोगों में भी इसी तरह की बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
पिता की मौत के बाद बेटी बीमार
इसी गांव में रहने वाले सगन पटेलिया की एक माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई। पिता की मौत से परिवार उबर नहीं पाया. उधर सगन की 14 वर्षीय बेटी रवीना का शरीर भी पीला पड़ने के साथ ही उसमें सूजन आ रही है। पिता है नहीं, इसलिए बीमार बेटी घर के पलंग पर ही पड़ी होकर ईश्वर से खुद को ठीक करने की दुआ मांग रही है।
बोतल खून चढ़ने के बाद भी हालत गंभीर
इसी गांव में रहने वाले सगन पटेलिया की एक माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई। पिता की मौत से परिवार उबर नहीं पाया। उधर सगन की 14 वर्षीय बेटी रवीना का शरीर भी पीला पड़ने के साथ ही उसमें सूजन आ रही है। पिता है नहीं, इसलिए बीमार बेटी घर के पलंग पर ही पड़ी होकर ईश्वर से खुद को ठीक करने की दुआ मांग रही है। उसका शरीर पीला पड़ने के साथ ही उसे कमजोरी आती चली गई। कमल उसे दिखाने के लिए डॉक्टर के पास जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन बीती रात बालिका ने दम तोड़ दिया।
दो बोतल खून चढ़ने के बाद हालात गंभीर
मोहनपुर में रहने वाले मकना पटेलिया की 13 वर्षीय बेटी रीना की भी हालत खराब है और वो गुना में भर्ती है। उसे दो बोतल खून भी चढ़ गया, बावजूद इसके उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मकला की इस बार फसल निकली नहीं तथा पहले उड़द और बाद में सोयाबीन भी निपट गया वो कर्जा लेकर अपनी बेटी का इलाज करवा रहा है तथा अभी तक 20 हजार रुपए खर्च हो गए।
गांव में सुविधाओं पर एक नजर
जिस मोहनपुर गांव में यह पीलिया बीमारी फैली है, उस गांव की आबादी को पानी उपलब्ध कराने के लिए एकमात्र हैंडपंप है, लेकिन वो भी खराब होने की वजह से ग्रामवासी नाले का पानी पीने के लिए ला रहे हैं। बिजली के लिए पंचायत में दो ट्रांसफार्मर से ग्राम बारईखेडा, चोकवारी व मोहनपुर को बिजली मिलती है, लेकिन वो भी एक साल से खराब पड़े हैं। एकल बत्ती कनेक्शन की लाइट यदा-कदा आ जाती है। गांव के ये हालात तब हैं।
कोई सुविधा नहीं
इस संबंध में पूर्व सरपंच भीमसिंह पटेलिया का कहना है कि, यहां न पीने को साफ पानी है और न ही बिजली की समुचित व्यवस्था है। इलाज तो बहुत दूर की बात है। ग्राम अगरा में उपस्वास्थ्य केंद्र तो है, लेकिन उसमें ताले ही लटके रहते हैं। फसल बर्बाद हो गई तो लोग कर्जा लेकर या अपनी जमीन / मकान गिरवी रखकर इलाज करवाने को मजबूर हैं।
में दिखवाता हूं
वहीं, बदरवास बीएमओ सीएससी डॉ. एचवी शर्मा का कहना है कि, आपके द्वारा मेरे संज्ञान में यह मामला लाया गया है। मैं गांव में दिखवाता हूं कि वहां लोग बीमार क्यों हो रहे हैं तथा उन्हें क्या बीमारी है।
बीमारी को लेकर असमंजस
गुना जिले के सहयोग अस्पताल में इलाज करा रहे ग्रामीणों के परिजनों का कहना है कि, डॉक्टरों ने जांच कराने के बाद पीलिया व डेंगू होने की आशंका जताई है। चूंकि मरीज के ब्लड प्लेटलेट्स भी कम हो रहे हैं, इसलिए मलेरिया के बाद डेंगू की आशंका भी प्रबल बनी हुई है।
Published on:
11 Oct 2022 01:20 pm
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