स्थान-कमलागंज
हालात-पत्रिका की टीम जब सूचना की पुष्टि के लिए कमलागंज स्थित एक गल्ला व्यापारी की दुकान पर पहुंची तो वहां पर तीन लडक़े एक बाइक पर चावल लेकर आए तथा उक्त चावल को 17 रूपए किलो में बेच दिया। जब पत्रिका प्रतिनिधि ने दुकानदार को बताया कि हमारे पास 50 किलो कंट्रोल का चावल है तो वह खरीदने को तैयार हो गया। दुकानदार का कहना था कि चावल 17 रूपए के भाव खरीद लेंगे, दुकानदार से मोल भाव किया तो दुकानदार का कहना था कि पूरे बाजार में 17 रूपए का भाव ही चल रहा है।
हालात-कृषि उपज मंडी के बाहर फट्टा लगाकर सामान खरीदने वाले एक व्यक्ति से जब पत्रिका ने कहा कि कंट्रोल का 50 किलो गेहूं है। दुकानदार ने लेने के लिए सहमति जता दी और 1500 रूपए क्विंटल का भाव बताया। जब दुकानदार से मोल भाव किया गया तो उसने बताया कि गेहूं का भाव 300 रूपए प्रति क्विंटल कम हो गया है। आप चाहो तो पेपर और मोबाइल में देख लो नया गेहूं ही 1600 के भाव बिक रहा है। उसके अनुसार 1 रूपए किलो तो उसे भी चाहिए।
हालात-नबाब साहब रोड पर गल्ले का कारोबार करने वाले एक व्यवसायी के यहां जाकर जब कंट्रोल का चावल बेचने के संबंध में बात की तो उन्होंने भी 15 के भाव में चावल खरीदने के लिए हां कर दी। जब व्यवसायी को बताया कि लोग तो 16-17 में बेच रहे हैं तो उनका कहना था कि आप तो ले आना। जब मन करे तब ले आना, घर और दुकान एक ही है।
ये बोले जिम्मेदार
आपदा राहत का खाद्यान जरूरतमंद लोगों को पेट भरने के लिए उपलब्ध कराया गया है, अगर इस खाद्यान को बाजार में खरीदा या बेचा जा रहा है तो यह कानूनन अपराध है। जो भी व्यक्ति इस खाद्यान को खरीद रहा है या खरीदेगा उसके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मैं एसडीएम सहित फूड ऑफीसर व सीएमओ को निर्देश दिए देता हूं कि वह इस बात की जांच करें और मामले में उचित वैधानिक कार्रवाई करें।
एचपी वर्मा, नोडल, आपदा राहत