
सीधी। विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा आपसी सांठ-गांठ कर समस्त नियमों व मापदंडो को दरकिनार कर नवीनीकृत हाईस्कूलों व हायर सेकेंड्री स्कूलो मे अपने परिजनों को डाटा इंट्री आपरेटर की नौकरी वितरित कर दी गई थी। शिकायत होने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा नोटिस जारी की गई, जहां जांच के लिए विकासखंड वार कलेक्टर के द्वारा टीम का गठन किया गया थी। जांच के बाद भी बहुत दिनो तक जांच रिपोर्ट को दबाने का प्रयास किया गया। अंतत: मजबूर होकर जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए वाध्य होना पड़ा। जहां नियुक्त आपरेटरो की सेवा समाप्त कर दी गई है वहीं दोषी विकासखंड शिक्षा अधिकारियो के खिलाफ अनुशासनात्क कार्रवाई सहित किए गए भुगतान की कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई है।
मालुम हो कि जिले मे वर्ष २०१६-१७ व २०१७-१८ मे जिन शासकीय विद्यालयों का उन्ययन कर नीवीनीकरण कर हाईस्कूल व हायर सेकेंड्री घोषित की गई थी, उस प्रत्येक स्कूल मे डाटा इंट्री आपरेटर की नियुक्ती करने के लिए शासन के द्वारा आदेशित किया गया था। नियुक्ती के लिए आवेदन फार्म सहित नियुक्ती प्रक्रिया मेरिट के आधार पर चयन के लिए जेम पोर्टल को जिम्मेदारी दी गई थी। किंतु जेम पोर्टल के माध्यम से नियुक्ती नहीं की गई, बल्कि विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा आपसी सांठ-गांठ कर अपने रिश्तेदारों व रिश्वत के दम पर नियुक्ती कर दी गई। ऐसी नियुक्ती जिले मे ३५ हाईस्कूलों व हायर सेकेंड्री स्कूलो मे की गई थी।
नहीं प्रसारित की गई निविदा सूचना-
स्कूलों मे डाटा इंट्री आपरेटर के संदर्भ मे नियुक्ती के संदर्भ मे बेरोजगारों को जानकारी ही नहीं हो पाई थी। जिसे छिपाने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा इस नियुक्ती की निविदा प्रसारित करना उचित नहीं समझा गया। जबकि शासन के निर्देशानुसार किसी भी नियुक्ती या निर्माण कार्य, वाहन अधिग्रहण के लिए सार्वजनिक निविदा समाचार पत्रों मे प्रकाशित कराई जाती है, ताकि पारदर्शिता के साथ नियुक्ती दी जा सकी। किंतु इस मापदंडो की बीईओ के द्वारा अनदेखी की गई है।
पुत्र व पुत्री को दे दी गई नियुक्ती-
विभागीय सूत्रों की बात माने तो सीधी विकासखंड के बीईओ के द्वारा चोरी-छिपे अपने परिजनों को ही डाटा इंट्री आपरेटर के पद पर नियुक्ती कर दी गई थी। बीईओ के द्वारा अपने पुत्र व पुत्री को नियुक्ती दी गई थी। इसके साथ ही अन्य बीईओं के द्वारा भी अपने परिजनों व रिश्तेदारों को नियुक्ती दी गई थी।
इन स्कूलो मे की गई थी फर्जी नियुक्ती-
जिले मे नवीनीकृत ३५ हाईस्कूल व हायर सेकेंड्री मे मापदंडो को दरकिनार कर फर्जी तरीके से डाटा इंट्री आपरेटर की नियुक्ती की गई थी। जिसमें मझौली विकासखंड अंतर्गत स्कूल दरिया, बकवा, घरभरा, पांड, अमेढिया, जोबा, जमुआ नं. २, छूही, नेबूहा, चमराडोल, बरसेनी, गजरी, नौढिया मे तत्कालीन बीईओ रमेश कुमार तिवारी के द्वारा नियुक्ती की गई थी। इसी तरह सीधी विकासखंड अंतर्गत पटपरा, कोचिला, छुहिया, तेगवां, गाडाखोह, चिलरी कला, बारी, महराजपुर, पडरी, रामपुर नैकिन विकासखंड अंतर्गत ममदर, कुंआ, कपुरी बेदौलियान, मौरा, बघवार, पैपखरा, रामपुर नैकिन, तिविरगवां, कपुरी बघेलान, खैरा, मनकीसर, कुडिया कोठार, चंदरेह मे संचालित स्कूलो मे फर्जी तरीके से डाटा इंट्री आपरेटरो की नियुक्ती की गई थी, जिसे पत्रिका के द्वारा प्रकाश मे लाने के बाद निरस्त कर दिया गया है।
Published on:
01 Sept 2019 06:46 pm
बड़ी खबरें
View Allसीधी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
