
सीधी. मझौली. जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत नेबूहा के दुर्जन टोला में संचालित ग्रेनाइट खदान में सुरक्षा सहित शासन द्वारा निर्धारित अन्य मापदंडों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रही खदान के कारण रहवासियों को काफी परेशानी हो रही है।
वहीं हादसों का भी खतरा बना रहता है, लेकिन शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच कार्रवाई नहीं की जा रही है। बताया गया की दुर्जन टोला वही मोहल्ला है जहां सभी आदिवासी वर्ग के मजदूर तबके के परिवार निवासरत हैं, जहां पिछले वर्ष ओपन गोदाम का निर्माण कराने के लिए कई आदिवासी परिवारों को जो पीढ़ियों से वहां निवास कर रहे थे, उन्हें प्रशासन और पुलिस के द्वारा बेदखल कर दिया गया। अब वहीं सिद्धिदात्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ग्रेनाइड खदान संचालन की अनुमति दे दी गई है। आदिवासी परिवार दिन-रात प्रदूषण से परेशान हैं।
क्या हैं नियम एवं शर्तें
जानकारों की माने तो किसी भी खदान संचालन में शर्त रहती है कि बसाहट एवं मुख्य मार्ग से 500 मीटर की दूरी होना चाहिए। टाइगर रिजर्व एरिया की सीमा से 10 किलोमीटर के बाहर होना चाहिए। खदान संचालन के पहले सूचना पटल लगाया जाना चाहिए, जिसमें फर्म का नाम, निर्धारित रकबा, फ र्म का उद्देश्य जैसे प्रमुख जानकारी लिखी होनी चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
खदान में काम करने वाले श्रमिकों का सुरक्षा बीमा एवं सुरक्षा पोशाक देने की जिम्मेदारी फर्म मालिक की होती है, इन सब नियमों के बावजूद उपरोक्त खदान इनका पालन किए बिना ही धड़ल्ले से संचालित है, जबकि खदान से महज 50 मीटर की दूरी पर बसाहट है, वहीं लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर टाइगर रिजर्व की सीमा लग जाती है। सूचना पटल भी नहीं लगा है और ना ही कार्यरत मजदूरों के सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था है।
सख्ती की मांग
सुरक्षा के नहीं इंतजाम खदान संचालन में सबसे प्रमुख शर्तों में जान माल की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल या तार की फेंसिंग जरूरी होती है, लेकिन यहां सुरक्षा के नाम पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां ओपन खदान संचालित की जा रही है, जिससे जन व पशु हानि का खतरा बना रहता है।
Published on:
07 Sept 2022 07:12 pm
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