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संजय टाइगर रिजर्व में शिकारियों के हौसले बुलंद, विभागों की लापरवाही से बाघ, हिरन और भालुओं की जा रही जान, वन्यजीवों की जान बचाने के लिए ऐसे आएं आगे

संजय टाइगर रिजर्व: ठंडे बस्ते में इंसुलेशन का प्रस्ताव

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Tiger-110

Presence of predators in Sanjay Tiger Reserve

सीधी. संजय टाइगर रिजर्व एरिया से गुजरी विद्युतलाइन वन्य प्राणियों के जान की दुश्मन बनी हुई है। इसकी चपेट में आने से आए दिन वन्यजीव काल के गाल में समा रहे हैं। शिकारी वन्यप्राणियों के शिकार में इसी विद्युत लाइन का उपयोग करते हैं। किसान फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों के चारों ओर करट फैला देते हैं, जिसमें फंसकर वन्य प्राणियों की असमय जान चली जाती है। पिछले एक-दो वर्ष में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इनमें बाघ सहित जंगली सूअर, भालू और नीलगाय की मौत हुई है। टाइगर रिजर्व एरिया वन्यप्राणियों के शिकार में वहां से गुजरी विद्युत लाइन के करंट उपयोग किए जाने से विभागीय अधिकारी भी वाकिफ हैं। यही वजह है कि क्षेत्र से गुजरी सभी विद्युत लाइनों को इंसुलेशन (प्लास्टिक कोटेड) करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अब तक इस दिशा में कार्य शुरू नहीं हो पाया। लिहाजा, संजय टाइगर रिजर्व एरिया में अब भी करंट से वन्य प्राणियों के मौत की घटनाएं हो रही हैं।

नील गाय और दो भालुओं की मौत
अभी हाल ही में दो भालुओं की मौत संजय दुबरी अभ्यारण्य में करेंट की चपेट में आने से हो चुकी है। वहीं इसी सप्ताह एक नील गाय का भी शव मिला है, उसमें भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि विद्युत करेंट की चपेट में आने से ही उसकी भी मौत हुई है। लगातार विद्युत करंट की चपेट में आने से वन्य प्राणियों की मौतें एक बड़ा सवाल है, लेकिन इसके बचाव के लिए पहल न करना भी विभागीय शिथिलता दर्शाता है।

ज्यादातर वन्य प्राणियों की मौत विद्युत करंट से
विभागीय सूत्रों की बात मानें तो संजय टाइगर रिजर्व एरिया मे जिन वन्य प्राणियों की मौत शिकारियों की वजह से हो रही है, उसमें सबसे ज्यादातर शिकार विद्युत करेंट फैलाकर ही किए जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि टाइगर रिजर्व एरिया में रहने वाले ग्रामीण वन्य प्राणियों से अपनी फसलों को बचाने के लिए विद्युत करंंट बाड़े के चारों ओर फैलाते हैं, जिसमें फंसकर वन्य प्राणियों की मौत हो जाती है। इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इसकी रोकथाम की पहल नहीं कर पा रहे हैं।

मादा बाघ की भी मौत करेंट से ही
जनवरी-२2017 में संजय टाइगर रिजर्व की गोइंदवार बीट में मादा बाघ की मौत विद्युत करेंट से हुई थी। जांच में पुष्टि भी हो गई थी कि शिकारी वन्य प्राणियों को मारने के लिए टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गुजरने वाली विद्युत लाइन का सहारा लेते हैं। मामले में शामिल आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त नंगे तार भी जब्त किए गए थे। इसके बावजूद अधिकारी विद्युतलाइन का इंसुलेशन करने तत्परता नहीं दिखा रहे।