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गंदगी देख भड़के कलेक्टर ने खुद की सफाई, अधिकारी का एक माह का कटा वेतन, कहा- लापरवाहों को जेल भेजो

कलेक्टर ने सिविल सर्जन की एक महीने की सैलरी काटने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने सफाई देते हुए कहा- नगर पालिका को कई लेटर लिखे फिर भी सफाई नहीं हुई।

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सीधी

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Pawan Tiwari

Jul 13, 2019

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गंदगी देख भड़के कलेक्टर ने खुद की सफाई, अधिकारी का एक माह का कटा वेतन, कहा- लापरवाहों को जेल भेजो

सीधी . शुक्रवार को सीधी जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। अस्पताल परिसर में फैली गंदगी को देखकर कलेक्टर ने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई और फिर खुद फावड़ा लेकर सफाई करने लगे। कलेक्टर का नाली साफ करते देख अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया और कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को फटकार लगाई।

सैलरी काटने का दिया निर्देश
सफाई करने से पहले कलेक्टर अभिषेक सिंह ने बयोमेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंधन नहीं होने पर अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई और सिविल सर्जन का वेतन काटने और प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर का गुस्सा देख जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आ गए और सफाईकर्मियों को लगाकर अस्पताल प्रबंधन की सफाई कराई। कलेक्टर ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर मौके पर ही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.एसबी खरे के एक माह की वेतन कटौती के साथ ही कचरे में बायो मेडिकल वेस्ट मिलने पर सिविल सर्जन पर केस दर्ज कराने का भी निर्देश दिया।

रसोई घर में भी फैली थी गंदगी
जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों व उनके परिजनों के लिए खाना बनाए जाने वाले रसोई के सामने भी गंदगी फैली थी। जिसके बाद कलेक्टर अभिषेक सिंह ने रसोई में कार्य करने वाले कर्मचारियों को बुलाकर फटकार लगाते हुए कहा कि यहां गंदगी क्यों करते हो, इससे मरीजों के भोजन में संक्रमण फैल सकता है, यदि यहां गंदगी करते हो तो सफाई करने की जिम्मेदारी भी आप ही लोगों की है। कलक्टर ने गुस्से में कहा- यदि यहां दोबारा गंदगी देखने को मिली तो रसोई में काम करने वाले लापरवाहों को जेल भेजवा दूंगा।

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सिविल सर्जन ने कहा- हमारे पास सफाई कर्मचारी नहीं
कलेक्टर द्वारा कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद सिविल सर्जन डॉ.एसबी खरे ने सफाई देते हुए कहा- अस्पताल प्रबंधन के पास महज आठ नियमित सफाई कर्मचारी हैं, जिनसे अस्पताल के अंदर की सफाई कराई जाती है। बाहर की सफाई के लिए नगर पालिका को डेढ़ माह में छ: पत्र लिखे गए लेकिन कोई सफाईकर्मी सफाई मे लिए नहीं पहुंचा जिस कारण से परिसर में गंदगी का अंबार लग गया था।