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आवश्यक मामलों की ई-कोर्ट से हो रही त्वरित कार्रवाई

आवश्यक मामलों की ई-कोर्ट से हो रही त्वरित कार्रवाई, रिमोड सेंटर और स्थापित हो जाएं तो हमेशा के लिए संचालित हो सकती है ई-कोर्ट, दो सत्रों में सुनवाई के लिए न्यायालय रिमोड सेंटर में बैठ रहे मजिस्ट्रेट

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रिमोड सेंटर और स्थापित हो जाएं तो हमेशा के लिए संचालित हो सकती है ई-कोर्ट

सीधी। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर तरफ ताले लग गए, लेकिन इसकी बजह से काम करने का तरीक भी बदल गया है। जिससे न्यायपालिका अछूता नहीं है। न्यायपालिका के द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान ई-कोर्ट का सफल प्रयोग किया जा रहा है। न्यायालय के द्वारा रिमोड सेंटर स्थापित कर अति आवश्यक मामलें में त्वरित कार्रवाई की जा रही है, यह और है कि पूर्व के चल रहे प्रकरण को ३१ मई तक के लिए स्थगित किया गया है। किंतु जमानत, पुलिस के द्वारा प्रस्तुत किए गए आरोपियों सहित धारा ४५१, ४५७ में ई-कोर्ट केे जरिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है। बताया गया कि जिला न्यायालय में अभी तक एक ही रिमोड सेंटर बनाया गया है, यदि इसकी संख्या बड़ाकर करीब दस तक कर दी जाए तो आने वाले समय में भी रिमोड सेंटर के माध्यम से प्रकरण की सुनवाई संभव है, इसके लिए अभियुक्त व अधिवक्ताओं को न्यायालय में खड़े होने की जरूरत नहीं है वे घर या अपने चेंबर में बैंठकर जिरह कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जारी की गई है मेल आईडी-
किसी भी अभियुक्त की पैरवी करने के लिए अधिवक्ताओं की जरूरत होती है, लॉक डाउन के कारण न्यायालय में मजिस्ट्रेटों व लोक अभियोजको के अलावा अन्य का प्रवेश बर्जित है। जिसके कारण अधिवक्ताओं को मेल आईडी उपलब्ध कराई गई है, जिसके सहारे अधिवक्ता अपने पक्षकार का पक्ष रखने के लिए मेल आईडी पर आवेदन कर सकते हैं। जिसे मजिस्ट्रेट के द्वारा स्वीकार करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से अधिवक्ता का पक्ष सुनकर निर्णय लिया जा रहा है।
दो सत्रों में संचालित हो रहा है न्यायालय का कार्य-
बताया गया कि लॉकडाउन के कारण जिला सत्र न्यायालय सीधी दो सत्रों में संचालित हो रहा है। सुबह ११ से दोपहर २ बजे तक सेशन जज रिमोड सेंटर में उपस्थित रहकर सुनवाई करते हैं वहीं दूसरा सत्र दोपहर २ से शांम ५ तक संचालित होता है, जिसमें मजिस्ट्रेट उपस्थित रहते हैं।
ऑनलाइन ही वकालतनामा और जमानत-
कोर्ट में ऑनलाइन ही जमानत पर सुनवाई हो रही है। कोई भी अपराध होने पर पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करती है। उसे रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया जाता है। इसके बाद उसे जेल भेज दिया जाता है। आरोपी की जमानत के लिए वकील अपना वकालतनामा, जमानत, मुचलका से लेकर अन्य दस्तावेज मेल से ही कोर्ट में भेजते हैं। कोर्ट आरोपी का अन्य दस्तावेज थानों से मेल पर ही मंगवाता है। व्हाट्सअप वीडियो काल पर ही वकीलों ही वकीलों की बहस होती है और आरोपी को जमानत दी जाती है।
रिमोड सेंटर और स्थापित करने की जरूरत-
उच्च न्यायालय के निर्देश पर रिमोड सेंटर स्थापित कर आंनलाइन अनिवार्य मामले की सुनवाई की जा रही है। वर्तमान में एक ही रिमोड सेंटर स्थापित किया गया है, कम से कम दस रिमोड सेंटर स्थापित हो जाए तो घर बैठे सभी मामले की सुनवाई हो सकती है।
प्रशांत कुमार पांडेय
सहायक लोक अभियोक, जिला न्यायालय सीधी।