
प्रतीकात्मक तस्वीर।
सीकर. बेरोजगारों की राहत के लिए दिए जाने वाला भत्ता भी अब उन्हें परेशान करने लगा है। प्रदेश में नवंबर महीने के बाद से बेरोजगार को भत्ता नहीं मिला है। जबकि भत्ते के लिए जरूरी इंटर्नशिप वे लगातार कर रहे हैं। अकेले सीकर जिले में करीब 9 हजार बेरोजगारों का करीब 35 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। खास बात ये भी है कि भत्ता नहीं मिलने से योजना में दो साल पूरे कर चुके बेरोजगारों के नहीं हटने पर भत्ते के लिए कतार में लगे अन्य बेरोजगारों की संख्या व इंतजार भी बढ़ता जा रहा है।
राज्य सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना संचालित कर रखी है। योजना के तहत पुरुष बेरोजगारों को चार हजार तथा महिला एवं विशेष योग्यजन बेरोजगारों को 4500 रूपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है। इसके लिए चयनित बेरोजगारों को पंचायत राज के अधीन विभागों में दो साल की अवधि तक चार घंटे की इंटर्नशिप प्रतिदिन करनी पड़ती है। पर इंटर्नशिप लगातार जारी रहने के बाद भी योजना में चयनित जिले के करीब 9 हजार बेराजगारों को छह महीने का भत्ता नहीं मिला है।
1235 बेरोजगारों को अप्रुवल का इंतजार
बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने की वजह से योजना में दो साल पूरे कर चुके लाभार्थी योजना से बाहर भी नहीं किए जा सक रहे हैं। ऐेसे में उनकी सीट के लिए कतार में खड़े बेरोजगारों का इंतजार व संख्या भी बढ़ती जा रही है। सीकर की ही बात करें तो नई अप्रुवल नहीं मिलने से 1235 बेरोजगार अधर में अटके हुए हैं। प्रदेश में करीब 50 हजार बेरोजगार इस कतार में है।
इनका कहना है..
यदि रोजगार नहीं दे पा रही तो सरकार को कम से कम बेरोजगारी भत्ता तो समय पर देना चाहिए। जब बेरोजगार इंटर्नशिप के नाम पर लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं तो वेतन की तरह भत्ता भी उन्हें प्रतिमाह निश्चित तिथि पर मिलना चाहिए। तभी बेरोजगारी भत्ता योजना की सार्थकता होगी।
प्यारेलाल गहलोत, पूर्व जिलाध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ, सीकर
Published on:
14 Jun 2025 12:22 pm
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