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नीमकाथाना. वर्ष 2017 में विदेश जाने के लिए मजूदर ने दिए दस्तावेजों से दो युवकों ने फर्जी फर्म बनाकर 4 करोड़ 25 लाख का लेनदेन कर लिया। मजदूर के घर जब आयकर विभाग द्वारा 1.26 करोड़ रुपए की सीजीएसटी जमा कराने का नोटिस भेजा गया तो परिवारवालों के होश उड़ गए। मामले को लेकर गणेश्वर के पास आगरी मोड़ निवासी पीडि़त रोहिताश सिंह सदर थाना में इस्तगासे से दो आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई है, जिसमें बताया कि वह आईडीबीआई के बैंक सामने देवी कॉम्पलेक्स मनी माजरा पंचकुला चंडीगढ़ में काम करता था। वहीं पर आरोपियों ने दुबई जाकर मजदूरी करने के लिए कहने पर उसने वीजा बनाने के लिए आरोपियों को अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड पासपोट, राशन कार्ड व अन्य दस्तावेज दे दिए। 13 नवंबर 2017 को दोनों आरोपियों ने लुधियाना ब्रांच में स्थित युनिक बैंक खाते में 3 हजार रुपए जमा करवा लिए। इसके बाद जनवरी 2019 में मजदूरी करने के लिए दुबई चला गया। 6 महीने बाद दुबई से वापस गुरुग्राम में मजदूरी करने के लिए आ गया।
विभाग बना रहा पैसे जमा करवाने का दबाव
20 फरवरी 2019 को पीडि़त मजदूर रोहिताश के घर एक नोटिस पहुंचा। उसमें बताया कि रोहिताश सिंह के नाम से दिसम्बर 2017 से फ रवरी 2018 तक मैसर्स राजपूत इन्टरनेशनल फर्म खोली गई। प्रोपराईटर बनाकर 4 करोड़ 25 लाख 43 हजार रुपए लोन उठा लिया। जिस पर 1 करोड़ 26 लाख रुपए का सीजीएसटी टैक्स बकाया है, जिससे तुरंत जमा करवाएं।
भाई के जवाब देने के बाद फिर आया नोटिस
पहली बार जब पीडि़त मजदूर के घर नोटिस पहुंचा तो वह विदेश था, इस पर उसका भाई अजीत सिंह आयकर विभाग में जाकर जवाब पेश किया। उस समय विभाग ने पीडि़त के भाई अजीत सिंह के बयान भी रिकॉर्ड दर्ज कर लिए गए थे। बावजूद 18 जनवरी 2023 को व 15 फ रवरी 2023 को आयकर विभाग ने फिर पीडि़त के घर नोटिस भेजकर उसको व्यक्तिगत उपस्थित होने के लिए बुलाया गया। इससे परेशान होकर उसने मामला दर्ज करवाया और बताया कि वह अपने नाम कभी कोई फ र्म नहीं बनाई एवं ना ही उसमें किसी प्रकार का कोई लेनदेन किया है।
Published on:
17 Jun 2023 05:27 pm
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