झुंझुनूं. राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौडजी क्षेत्र के गांव गुड़ा में अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम को देखकर गुस्साए एक अधेड़ ने खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया और विभाग की टीम के सामने ही खुद को आग लगा दी। आत्मदाह करते देख वन विभाग की टीम एकबारगी तो भौचक रह गई। बाद में मौका पाकर फरार हो गई। घटना में आत्मदाह करने वाला चार बच्चों का पिता गंभीर रूप से झुलस गया। जिसे नजदीकी राजकीय अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जयपुर रैफर किया गया है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार वन विभाग की 25 सदस्यीय टीम रविवार यानी आज गुढा गांव में बाबूलाल के घर पहुंची थी। घर को अतिक्रमण बताते हुए टीम ने उसे हटाने की बात कही। जिस पर बाबूलाला बिफर गया और टीम से कुछ देर जद्दोजहद के बाद उसने पेट्रोल लाकर खुद पर छिड़क लिया। विभाग की टीम कुछ समझ पाती, उससे पहले ही उसने खुद को आग भी लगा ली। जिस पर अतिक्रमण हटाने गया दस्ता घबरा गया और वहां से चला गया। घटना के बाद नजदीकी लोगों ने बाबूलाल को झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। जहां भी उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
बिना नोटिस दिए पहुंची विभाग की टीम
बाबूलाल घर में चार बच्चों के साथ रहता है। उसके दो बेटे और दो बेटियां है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाबूलाल का मकान वन विभाग की जमीन पर बनाया गया है। जिसको लेकर मकान बनाते समय भी उसे आगाह किया गया था। बार बार कहने पर भी वह नहीं माना तो विभाग की टीम ने उसके घर पर अतिक्रमण का नोटिस चस्पा कर दिया था। जिसके मुताबिक ही आज टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी। वहीं, बाबूलाल के परिजनों का कहना है कि वन विभाग की ओर से घर पर कोई नोटिस चस्पा नहीं किया गया था। विभाग की टीम ने आज घर पहुंचकर सीधे बाबूलाल को बाहर निकालने की धमकी दी। जिससे व्यथित बाबूलाल ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर कर आत्मदाह का प्रयास किया। मामले में बाबूलाल के भाई मोतीलाल ने वन विभाग के खिलाफ पुलिस में प्रताडऩा का मुकदमा दर्ज कराया है।