2004 में लगा था चोरी का झूठा आरोप, तभी से सउदी जेल में, अब हुई वतन वापसी नारवान मोहल्ले के रहने वाले अयूब नारु पुत्र सरवर नारु सउदी अरब में काम करने के लिए गए थे। 2004 में केंटीन में विवाद होने पर उन पर चोरी का आरोप लगा कर सउदी पुलिस ने पकड़ लिया। उन्हें जेल में डाल दिया गया। उनके पिता सरवर नारु और अन्य परिजनों को जैसे ही पता लगा तो जैसे उन पर पहाड़ ही टूट गया। वे तुरंत सउदी पहुंचे। उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया। पूरा परिवार और समाज के लोग उन्हें भारत लाने के लिए जुट गए। पड़ोस में रहने वाले उनके मित्रों ने बताया कि इधर-उधर से 20 लाख रुपए लेकर वे सउदी गए, लेकिन उन्होंने रुपए नहीं लिए। भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार तक परिजनों ने कई बार मदद के लिए गुहार लगाई पर कोई लाभ नहीं हुआ।
बेटे के हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते हार गए पिता
पिता सरवर नारु कई बार सउदीअरब में बेटे से मिलने के लिए गए। बेटे के हक के लिए उन्होंने कानून लड़ाई लड़ी। 2010 में भाई हनीफ ठेकेदार की मौत हो गई। इसके बाद सरवर नारु खुद जीवन की जंग हार गए। मायूस होकर बीमार हो गए। 2012 में उनकी मौत हो गई। पिता और भाई की मौत के समाचार के बाद भी अयूब भी टूट गए थे। लाख कोशिशों के बाद भी पिता और भाई के इंतकाल में शामिल नहीं हो सके। पति का इंतजार करते हुए पत्नी की आखों के आसूं सूख चुके थे। उन्होंने चारों बच्चों को संभाला।
घर लौटे तो सब कुछ बदल हुआ नजर आया: दो बेटों की हुई शादी उनके दो बेटों आसिफ और आतिफ की शादी हो गई। शादी के दौरान भी पूरे परिवार ने उन्हें लाने के लिए भरसक प्रयास किए। जेल में उनसे मिलने तक नहीं दिया गया। उनके आने के बाद शाहरुख व आदिल की शादी की जाएगी। भाई जुबेर ने बताया कि पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। 17 साल बाद भाई के आने के बाद ही उनकी सही ईद होगी।
घर पर लगा रिश्तेदारों का मेला, आतिशबाजी के साथ खुशियां
अयूब के आने की सूचना पर शनिवार को घर रिश्तेदारों का मेला लग गया। पूरे परिवार और शहर के लोगों में खुशी का माहौल रहा। लोगों ने पटाखे चलाकर और फूलों से उनका स्वागत किया गया।