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Atal Bihari Vajpayee स्मृति शेष : राजनीति के अजातशत्रु वाजपेयी इसलिए तीन बार आए रतनगढ़

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Atal Bihari Vajpayee came Three time in ratangarh churu

Atal Bihari Vajpayee came Three time in ratangarh churu

चूरू/रतनगढ़. राजनीति के अजातशत्रु के नाम से पहचान बनाने वाले और भारत रत्न प्राप्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादें रतनगढ़ से भी खासा जुड़ी हुई हैं। वे यहां तीन बार चुनाव प्रचार करने आ चुके हैं। तीनों ही चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण थे।

अटल बिहारी वाजपेयी रतनगढ़ 1990 में भाजपा के प्रत्याशी रहे हरिशंकर भाभड़ा के चुनाव प्रचार के लिए आए थे। इस दौरान भाभड़ा चुनाव जीते थे। इसी प्रकार वे वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रामसिंह कस्वा के समर्थन में रैली को संबोधित करने आए थे।

उन्होंने यहां बड़ी सभा कर भाजपा के पक्ष में वोट करने का आह्वान किया था। 2004 का लोकसभा चुनाव इसलिए महत्वपूर्णथा कि लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके बलराम जाखड़ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।

कांग्रेस के कद्दावर नेता होने के कारण यहां भाजपा की स्थिति कमजोर हो गई थी। इस कारण अटल बिहारी वाजपेयी को स्टार प्रचारक के रूप में सभा के लिए बुलाया गया। यहां हुई सभा के बाद जाखड़ को पराजय का मुंह देखना पड़ा था।

पहली बार 1954 में आए रतनगढ़, रुके थे पांच दिन

वाजपेयी पहली बार वर्ष 1954 में विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए आए थे। यहां जनसंघ के उम्मीदवार अदभुत शास्त्री के लिए पांच दिन रुककर चुनाव प्रचार किया था।

इस दौरान वे रतनगढ़ के वार्ड 10 स्थित रतनलाल पारीक के मकान की छत पर बने कमरे में रहे थे और यहीं से चुनाव प्रचार किया था। रतनलाल पारीक के पुत्र शंकरनलाल पारीक ने बताया कि 1952 के पहले चुनाव में माधवप्रसाद महर्षि सॉलिसीटर रतनगढ़ के पहले विधायक बने थे। इनका विधायक बनने के कुछ समय बाद ही निधन हो गया था।

इस कारण उपचुनाव कराना पड़ा। इस उपचुनाव में भारतीय जनसंघ की तरफ से अदभुत शास्त्री को प्रत्याशी बनाया गया था। जिनके प्रचार के लिए वाजपेयी पांच दिन रतनगढ़ रुके थे। वाजपेयी के साथ प्रचार में जनसंघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुंदरसिंह भण्डारी भी थे। शास्त्री के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी गौरीशंकर आचार्य थे। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य चुनाव जीत गए थे।

कांच के गिलास में पीएंगे चाय

1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान सभा से पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी ने रमाज्ञान भवन में प्रधानाचार्य कार्यालय में संस्था के सचिव महावीर प्रसाद चौधरी से मुलाकात की। उनको चाय पिलाने के लिए कप मंगवाए गए थे।

कर्मचारी जब चाय लेकर आया और कांच के गिलास में चाय डालने लगा तो पास बैठे अन्य व्यक्ति ने कप में चाय लाने की बात कही। लेकिन वाजपेयी ने सबके सामने कहा कि सबके साथ कांच के गिलास में ही चाय पीएंगे। इस सादगी को देख सभी अचंभित रह गए थे।

भाभड़ा जी आप चुनाव कैसे हार गए?

वर्ष 2004 के लोकसभा में चुनाव में जब वाजपेयी रतनगढ़ में सभा को संबोधित करने आए थे तो। हैलीपेड पर हरिशंकर भाभड़ा उनके स्वागत के लिए गए थे। जब वाजपेयी हेलीकॉप्टर से उतरकर आए तो उन्होंने भाभड़ा से पूछा की आप चुनाव कैसे हार गए।

इस पर भाभड़ा ने कहा था कि वे मंच पर ही बताएंगे। इसके बाद सभा हुई। सभा में मंच पर भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं। भाभड़ा ने अपने भाषण में भाजपा की मुखिया की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब मां ही अपने बच्चे को खाए तो बच्चे कैसे जिंदा रह सकते हैं।