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Rahul Bajaj: बेटियों को विज्ञान पढ़ाने के लिए बजाज ने मुख्यमंत्री से की थी बात, कमी आते ही सीकर में लगवाया 98 लाख का ऑक्सीजन प्लांट

सीकर. Bajaj group के पूर्व चेयरमैन Rahul bajaj का सीकर से गहरा जुड़ाव था। वर्ष 2011 में वह परिवार के साथ सीकर आए थे।

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सीकर

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Ajay Sharma

Feb 13, 2022

Rahul Bajaj: बेटियों को विज्ञान पढ़ाने के लिए बजाज ने मुख्यमंत्री से की थी बात, कमी आते ही सीकर में लगवाया 98 लाख का ऑक्सीजन प्लांट

Rahul Bajaj: बेटियों को विज्ञान पढ़ाने के लिए बजाज ने मुख्यमंत्री से की थी बात, कमी आते ही सीकर में लगवाया 98 लाख का ऑक्सीजन प्लांट

Rahul Bajaj. सीकर. Bajaj group के पूर्व चेयरमैन Rahul bajaj का सीकर से गहरा जुड़ाव था। वर्ष 2011 में वह परिवार के साथ सीकर आए थे। इस दौरान उनको पता लगा कि गांव में बेटियों के लिए साइंस स्कूल नहीं है। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत कर गांव के स्कूल में विज्ञान संकाय को मंजूरी देने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा था, युवाओं की तरक्की के रास्ते विज्ञान से ही होकर गुजरते हैं। इसलिए बेटों के साथ बेटियों को भी साइंस की पढ़ाई करानी होगी। गांव के स्कूल के विकास के लिए वह हमेशा प्रयासरत रहते। पिछले तीन सालों में गांव के सरकारी स्कूल पर लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किए। कोरोनाकाल में जब उनको सीकर में ऑक्सीजन की कमी होने का पता लगा तो उन्होंने पहले तो ऑक्सीजन कन्सेंटे्रटर भिजवाए। इसके बाद सांवली अस्पताल में 98 लाख रुपए का ऑक्सीजन प्लांट भी लगवा दिया। इनके गु्रप की ओर से यहां जानकी देवी बजाज ग्राम विकास समिति भी संचालित है। इस समिति की ओर से 13 साल में लगभग 50 करोड़ के काम करवाए गए हैं।

यादगार : परिचय देने के अंदाज ने जीत लिया सीकरवासियों का दिल

सितम्बर 2011 को राहुल बजाज सीकर आए थे। इस दौरान उन्होंने परिचय नए अंदाज में दिया। बोले- आप सभी Jamna lal Bajaj को तो जानते ही होंगे मैं उनका ही पोता हूं राहुल बजाज। इस दौरान सबसे पहले वह बजाज सर्किल पर गए। यहां उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद बजाज रोड स्थित बजाज भवन गए। यहां उन्होंने जमनालाल बजाज से जुड़ी यादों को सहेजा। इसके बाद अपने पैत्तृक गांव काशी का बास स्थित घर गए। उन्होंने गांव के स्कूल में जाकर भी बच्चों का हौसला बढ़ाया। सीकर के लोगों का कहना है कि उनका परिचय देने का अंदाज आज भी याद है।


सपना: काशी का बास में बने कॉलेज और बजाज म्यूजियम
स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज की यादों को ताउम्र सहेजने के लिए राहुल बजाज काफी प्रयासरत रहे। उनके संस्थान की ओर से कई पुरस्कार भी शुरू किए गए। बजाज का सपना था कि काशी का बास में एक सरकारी गल्र्स कॉलेज खुले। गांव में जमनालाल बजाज म्यूजियम बनाने की भी योजना थी।

सादगी उनकी अदा

वर्ष 2011 में राहुल बजाज से मुलाकात हुई थी। सादगी के साथ उनमें अपनापन भी देखा। गांव के लोगों से जिस आत्मीय भाव से मिले वह सभी के लिए यादगार रहा।
गोविन्द सिंह डोटासरा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

सीकर के लोगों से बहुत स्नेह
वर्ष 1990 से लगातार सम्पर्क में था। सीकर के लोगों से उनका बहुत स्नेह था। जल संरक्षण, शिक्षा के मामले में सीकर को आगे बढ़ाने की उनकी सोच रही।

नंदकिशोर महरिया, पूर्व विधायक

हर स्कूल में किचन शैड
पिपराली व धोद इलाके के स्कूलों में ट्रस्ट की ओर से भवन, शौचालय व किचन शैड बनाने के सर्वाधिक काम हुए है। बजाज लगातार इलाके में सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहे। बीमार होने तक भी स्थानीय स्तर के कार्यो की पूरी मॉनिटरिंग करते थे।

सूबेदार मदनलाल, सीकर


स्कूल को मिली बस बढ़ा नामांकन, ट्रस्ट का बेहद सहयोग
स्कूल में संसाधन बढ़ाने के मामले में ट्रस्ट का काफी अहम रोल रहा है। जब 2011 में बजाज काशी का बास आए थे तो स्कूल में बस की कमी महसूस की थी। इस दौरान उन्होंने बस देने की घोषणा की थी। इसकी वजह से स्कूल में लगभग 150 का नामांकन बढ़ गया था। स्कूल में प्रवेश द्वार, 12 से अधिक कमरे और मुख्य द्वार का निर्माण ट्रस्ट के सहयोग से किया गया। पुराने भवन में भी ट्रस्ट ने काफी सहभागिता निभाई। जब भी स्कूल में किसी सुविधा की आवश्यकता होती तो ट्रस्ट पदाधिकारियों को सूचना दी जाती। इससे काफी सहयोग मिलता।

राजपाल भूकर, प्रधानाचार्य, श्री जमनालाल बजाज राजकीय उ'च माध्यमिक विद्यालय काशी का बासa