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सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान-पुण्य

सूतक के दौरान आरती होती है व भगवान को भोग लगता है

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सीकर

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Suresh Sharma

Dec 27, 2019

सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान-पुण्य

सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान-पुण्य

सीकर/फतेहपुर. गुरुवार को सूर्यग्रहण के करण जिले भर में मंदिरों के कपाट बंद रहने के साथ ही बाजार भी बंद रहे। श्रीमाधोपुर, रींगस, अजीतगढ़, फतेहपुर, पलसाना, रामगढ़ शेखावाटी आदि स्थानों पर सूर्यग्रहण के बाद स्नान और दानपुण्य हुआ। ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाने के कारण भले ही अधिकांश मंदिरों के पट बंद हो जाते हंै, लेकिन फतेहपुर कस्बे में स्थित नगर अराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर में सूतक के दौरान आरती होती है व भगवान को भोग लगता है।

पौराणिक मान्यताओं के चलते सिर्फ ग्रहण काल में ही भगवान के भोग नहीं लगता है। माना जाता है कि वर्षों पहले एक बार ग्रहण के दौरान मंदिर का पट बंद कर दिया। भोग के समय भगवान को भोग नहीं लगाया तो रात को भगवान बाल रूप धारण करके हलवाई की दुकान पर पहुंच गए व एक कड़ा गिरवी रखकर उससे पेड़े ले आएं। सुबह जब पुजारी मंदिर में आया तो देखा कि भगवान की मूर्ति के एक हाथ का कड़ा नहीं है। इस पर बात बाहर गई तो दुकानदार ने कहा कि रात को एक बालक आया था और उसने कहा कि कड़ा रखलो और मुझे पेड़े दे दो। उसके बाद से ही मंदिर में सूतक में आरती भी होती है और भोग भी लगाया जाता है। गुरुवार को सुबह आरती होने की बाद पट बंद किए गए व बुधवार को रात को भी आरती हुई। श्रीमाधोपुर में विशेष अनुष्ठान कर हवनादि कर सूर्य ग्रहण के बाद दान पुण्य किया।
खाटूश्यामजी में मंदिर के बाहर श्री श्याम मंदिर कमेटी ने हवन पूजन एवं भजनों का आयोजन कराया। सूतक शुद्धि के बाद मंदिर की धुलाई और बाबा श्याम को पंचामृत से स्नान करने के बाद मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही भक्तों को लखदातारी बाबा श्याम के दर्शन हो सके। रींगस के गोपीनाथ गोपीनाथ मंदिर व आमली वाले बालाजी मंदिर में हवन पूजन किया गया।
देव दर्शन के साथ रासेयो शिविर सम्पन्न
श्रीमाधोपुर. कस्बे के एसबीएन स्नातकोत्तर महाविद्यालय में रासेयो शिविर देव दर्शन यात्रा के साथ गुरुवार संपन्न हुआ। स्वयं सेवको ने खंडेला धाम व शाकंभरी माता के दर्शन किए। प्रभारी ओम प्रकाश वर्मा व सह प्रभारी मोनिका शर्मा ने बताया कि प्रात: कालीन खंडेला धाम का भ्रमण कर शाकंभरी पहुंचे जहां शाकंभरी माता के दर्शन कर मंदिर प्रांगण में श्रमदान किया। निदेशक डॉ मुकेश बल्डवाल, सचिव प्रदीप धायल, प्राचार्य डॉ एस के जाट आदि थे।