
बेटे की तस्वीर के साथ माता-पिता (फोटो: पत्रिका)
Sikar's Sandeep Sunda Missing In Russia: शादी के बाद बेहतर भविष्य का सपना संजोकर रूस गए दीपपुरा राजाजी निवासी संदीप सुंडा की 3 महीने बाद भी कोई खैर-खबर नहीं मिली है। अगस्त महीने में जबरन युक्रेन युद्ध में झोंकने पर मदद की गुहार लगाते उसके वीडियो के बाद से परिवार को उसकी कोई सूचना नहीं मिली है।
ऐसे में उसके परिवार में माता-पिता और पिछले साल ही ब्याहकर आई पत्नी का चित्त हर पल चिंता से सुलग रहा है। दुख की दरिया में डूबे परिवार की विरह वेदना तब और बढ़ गई जब उसके बीकानेर निवासी साथी अजय का चार दिन पहले ही शव घर पहुंचा है।
आशंकाओं के अंधेरे में अब पूरे परिवार को ना दिन में चैन और ना रात को नींद आ रही है। हर पल बढ़ती धड़कनों के साथ उनका कलेजा भीतर ही भीतर कुम्हार के आंवे की तरह जल रहा है।
संदीप सुंडा ने इसी साल 3 फरवरी को भाषा की पढ़ाई करने रूस गया था। पिछले साल ही ब्याहकर घर लाई पत्नी और परिवार से सिर्फ एक साल की मोहलत मांग वह हंसी- खुशी घर से विदा हुआ था। पर हालातों ने उसके हाथ में किताबों की जगह हथियार थमा दिए।
बड़े भाई प्रभु दयाल ने बताया कि पढ़ाई के साथ मास्को में पार्ट टाइम नौकरी करते समय एक एजेंट मोटी कमाई का झांसा देकर उसे 20 अगस्त को जबरन सेना में भर्ती करवा दिया। जहां कुछ दिन हथियार व अन्य प्रशिक्षण देकर उसे जंग के लिए युक्रेन के सीलिडोज शहर में भेज दिया।
रुस-युक्रेन की गोलाबारी के बीच उसने सितंबर महीने में सेना की वर्दी में परिवार को एक भावुक वीडियो भेजा था। सेना शिविर में बनाए गए वीडियो में उसने एक साथी के साथ वतन वापसी करवाने की गुहार भारत सरकार से लगाई थी।
उसने बताया था कि उन्हें ड्राइवर और कुकिंग का काम बताकर झांसे में लिया गया। जहां से उन्हें बोर्डर में भेज दिया जाएगा। वीडियो में उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा था कि उसके साथ बीकानेर के अजय गोदारा सहित भारत के अन्य 15-20 युवक और भी थे, लेकिन ड्रोन हमलों के बाद सब आपस में बिछड़ गए।
बीकानेर के लूणकरणसर के अरजनसर गांव निवासी अजय गोदारा का चार दिन पहले ही रूस से ताबूत में आए शव के बाद संदीप के परिजनों की बेचैनी और बढ़ गई है। क्योंकि अजय भी संदीप की तरह स्टडी वीजा पर रूस जाने के बाद एजेंट का शिकार होकर युक्रेन युद्ध में भेज दिया गया था। जिसकी मौत की सूचना परिजनों को 10 दिसंबर को मिली थी। संदीप के की मांग है कि केंद्र सरकार को जल्द इस संबंध में रूस सरकार से वार्ता कर संदीप को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास करना चाहिए।
मामले में सांसद अमराराम व पूर्व सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर जल्द हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं। मामले में मां सुमित्रा देवी व पिता भागीरथ मल सहित परिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर 3 नवंबर व 1 दिसंबर को आयोजित धरने में भी शामिल हुए थे। मामला संसद में भी उठ चुका है। पर अब तक ना तो संदीप आ पाया है और ना ही उसका कोई संदेश।
Updated on:
22 Dec 2025 01:14 pm
Published on:
22 Dec 2025 11:50 am
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