
सावधान...! मुंह फुला कर गोल गप्पे का लुप्फ उठाने का शौक रखने वाले स्कूल-कालेज गोइंग और महिलाएं किडनी व लिवर से संबंधित बड़ी बीमारी की चेपट में आ सकते हैं। जीभ को चटकारे दिलाने की आदत उन्हें मौत के मुंह तक ले जा साकती है।
हम डरा नहीं रहे हैं...आगाह कर रहे हैं। एजुकेशन सिटी के रूप में पहचान बना चुके सीकर शहर में गोल गप्पे में ऑक्सोलिक एसिड युक्त हरे पानी को परोसा जा रहा है। परेशानी और भी बढ़ी दिखती है जब शहर में क्षेत्र समेत देशभर के एक लाख से भी ज्यादा कोचिंग स्टूडेन्ट्स मौजूद हैं। ये छात्र कोचिंग में पढऩे के बाद इन फास्ट फूड सेन्टर्स व गोल-गप्पों की स्टाल पर नजर आते हैं।
सस्ते का चक्कर
दरअसल परम्परागत गोप-गप्पे के महंगे पानी बनाने से जब यह ऑक्सोलिक एसिड युक्त पानी सस्ता पड़ता है तो विक्रेता इसे इस्तेमाल करना ज्यादा उचित समझते हैं।
इंस्टेंट जो है...
ऑक्सोलिक एसिड को पानी में घोल गोल गप्पों के लिए तैयार करना बहुत आसान भी है। एकदम इंस्टेंट है...सबकुछ।
रोग कम नहीं...
किराणा दुकानों पर मिलने वाले इस एसिड के उपयोग से गले में सूजन, दर्द, जलन, छाले व किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मेडिकल प्रेक्टिसनर मानते हैं कि सीकर शहर में यह आम है, लोग दुष्प्रभाव से अनजान हैं। उधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को देश के कोने-कोने से आए छात्रों के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है।
Published on:
21 Dec 2016 10:21 pm
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