
आवान परिवर्तन के बाद सीकर-फतेहपर के बीच ब्रॉडगेज ट्रेन चलनी शुरू हो गई। फतेहपर से आने वाली ट्रेन गुरुवार सुबह करीब सवा सात बजे सीकर पहुंचनी थी। सभी फोटो-पंकज पारमुवाल

-इस दौरान सीकर रेलवे स्टेशन से सौ मीटर पहले वाले सिग्रल के पास पटरियों पर अचानक दो सांड आ गए। पटरियों के किनारे धमा-चौकड़ी करते सांड पटरियां के बीचोंबीच आकर लडऩे लगे।

-जबकि दूसरी ओर से ट्रेन सीकर रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी। हालांकि रेलवे स्टेशन नजदीक होने के कारण इस दौरान टे्रन की रफ्तार कम थी।

-सांड पटरियों के ऊपर ही एक-दूसरे से जोर आजमाइश करने से उनका ट्रेन की चपेट में आने का खतरा था। ट्रेन के चालक ने सौ मीटर दूर से ही देख लिया था कि पटरियों पर सांड आ गए हैं।

चालक ने ट्रेन का हॉर्न बजाया, जिसका सांडों पर कोई असर नहीं हुआ और वे पटरियों पर ही लड़ते रहे।

ट्रेन चालक को अपनी सीट छोडकऱ दरवाजे पर आना पड़ा और उन्होंने लोगों से सांडों को हटाने का इशारा किया। तब ट्रेन के यात्रियों की जान जोखिम में पड़ती देख लोगों ने सांडों के पत्थर मारकर उन्हें दूर भगाने का प्रयास किया।

पत्थर मारे जाने से भी सांड पटरियों से नहीं हटे। ऐसे में ठीक उनके नजदीक आने के बाद ट्रेन को आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ा। ट्रेन यहां पर दो-तीन मिनट तक रुकी रही। सांडों के पटरियों से दूर जाने के बाद ट्रेन सीकर रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुई।