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राजस्थान के इस जिले में पशुपालक करवा सकेंगे चारे की गुणवत्ता की फ्री जांच

जिला मुख्यालय पर बनेगी पोषण प्रयोगशाला सीजन के अनुरुप दे सकेंगे पोषक चारा, पशुपालकों को होगा फायदा

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राजस्थान के इस जिले में पशुपालक करवा सकेंगे चारे की गुणवत्ता की फ्री जांच

राजस्थान के इस जिले में पशुपालक करवा सकेंगे चारे की गुणवत्ता की फ्री जांच

खेती के साथ पशुपालन के जरिए आय बढ़ाने वाले किसानों व पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। अच्छी गुणवत्ता वाला चारा मिल सके इसके लिए पशुपालक अपने पशु को खिलाए जाने वाले चारे की प्रयोगशाला में जांच करवा सकेंगे। पशुचारे की गुणवत्ता की जांच करवाने के लिए पशुपालक को अब जयपुर जाकर जांच नहीं करवानी पड़ेगी। अच्छी बात यह है कि जिला मुख्यालय पर बनने वाली इस पोषण प्रयोगशाला में यह जांच निशुल्क होगी। इसके लिए जिला मुख्यालय पर जगह चिन्हित कर ली गई और जल्द ही निर्माण शुरू हो जाएगा। सीकर जिले में नौ लाख से ज्यादा मवेशी है। जिनमें से करीब साढ़े तीन लाख दुधारू पशु है।

नहीं थोप सकेंगे चारा

पशुपालकों के अनुसार दूग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई पशु आहार विक्रेता अपने चारे में प्रोटीन, कैल्शियम व अन्य तत्व की अच्छी मात्रा बताते हैं। जबकि लगातार ऐसे पशुचारे के उपयोग से दुधारू पशुओं पर विपरीत असर पड़ता है। कई बार तो यह असर मानव पर आने लगता है। कई पशुओं को उस विशेष ब्रांड का चारा नहीं मिलता है तो पशु बीमार होने लगता है। ऐसे में पशुआहार की जांच होने से पशुपालक को पता चल सकेगा कि पशु चारा पौष्टिक तो है लेकिन घातक नहीं है।

इसलिए जरूरी

दुधारू पशु स्वस्थ रहकर अच्छी गुणवत्ता का दूध दे इसके लिए पशुओं के लिए संतुलित आहार जरूरी है। पशुपालक भी मौसम के अनुसार पशु को.सूखा चारा, हरा चारा, दलिया, गुड़ समेत तिलहनी फसलों की खली आदि खिलाते है, संतुलित आहार तैयार करने में लगने वाले श्रम बचाने के लिए सीधे पशुआहार खरीद लेते हैं जबकि कई पशुआहार में पर्याप्त मात्रा में मौजूद कार्बन, प्रोटीन, वसा कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन नहीं होते हैं। इससे उत्पादन पर विपरीत असर पड़ता है।

इनका कहना है

जिला मुख्यालय पर पोषण प्रयोगशाला के लिए कार्यकारी एजेंसी कृषि विपणन बोर्ड को 16 लाख रुपए का बजट मिल चुका है। प्रयोगशाला के लिए उपकरण व मशीन निदेशालय की ओर से भेजी जाएगी। जिला रोग निदान प्रयोगशाला के पास पोषण प्रयोगशाला के लिए जमीन चिन्हित हो चुकी है और एक-दो दिन में निर्माण शुरू हो जाएगा।

डॉ. सुमित्रा, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग सीकर