
राजस्थान में फरवरी में बदले मौसम ने बढ़ाए खसरे के मरीज
प्रदेश में पिछले दो साल में फरवरी माह में शांत रहने वाले वायरल ने अब बच्चों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले पचास प्रतिशत से ज्यादा बच्चे बुखार के साथ पैर दर्द, पेट में ऐंठन और सिरदर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। चिंताजनक बात है कि इनमें से कई बच्चों में खसरा रोग के लक्षण है और दो से तीन प्रतिशत बच्चों को भर्ती भी किया जा रहा है। हालांकि चिकित्सक इसे साधारण वायरल मान रहे हैं और सात से आठ दिन में ठीक होने का दावा कर रहे हैं लेकिन परिजनों की चिंता बढ़ गई है। चिकित्सकों के अनुसार बुनियादी टीकाकरण नहीं होने से यह रोग परिवार में मौजूद अन्य छोटे बच्चों को भी चपेट में ले रहा है।
जरूरी होने पर करवा रहे जांच
तापमान में उतार-चढ़ाव आने के कारण बीमारियों का असर शुरू हो गया है। अकेले सीकर के जिला अस्पताल पहुंच रहे नौनिहालों में उल्टी, दस्त, बुखार की शिकायत मिल रही है। पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट में मरोड़, उल्टी, बुखार और कमजोरी डायरिया के लक्षण हैं। ऐसे में बच्चों की जांच करवाने पर ही वायरस के प्रकार का पता चल सकेगा। आमतौर पर शरीर में पानी की कमी होने के कारण ये दिक्कतें आने लगती हैं।
खसरा ज्यादा संक्रामक
खसरा, जिसे रुबेला भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक, तीव्र और ज्वर संबंधी श्वसन वायरल रोग है। यह एक वायरल बीमारी है जो छोटे बच्चों के लिए गंभीर साबित हो सकती है, लेकिन खसरे के टीके से इसे आसानी से रोका जा सकता है। खसरा होने पर तेज बुखार, कमजोरी, खांसी, नाक बहना, गले व मुंह में खराश, मांसपेशियों में दर्द रहता है। संक्रमण के कारण मरीज को खांसी व बुखार के साथ शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते हो जाते हैं। ये चकते पहले कानों के पीछे, गर्दन व सिर पर उभरते हैं। मरीज न्यूमोनिया व गंभीर डायरिया से पीड़ित हो जाता है।
इनका कहना है
कई बच्चों में खसरा के लक्षण नजर आ रहे हैं। कुछ दिन से अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह साधारण वायरल है। वहीं डायरिया से पीड़ित मरीजों में अधिक कमजोरी व चलने में असमर्थ भर्ती किया जा रहा है।
डॉ. अशोक कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ, सरकारी जनाना अस्पताल
Published on:
23 Feb 2023 11:19 am
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