
लक्ष्मणगढ़ की छात्रा शिवानी, फोटो- एक्स हैंडल
Rajasthan Rain: राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गाड़ोदा गांव में बारिश के बाद हुए जलभराव ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। इस समस्या को उजागर करता एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गांव की एक स्कूली छात्रा शिवानी ने जलभराव के बीच से गुजरते हुए नेताओं पर कटाक्ष किया है।
बता दें, यह गांव राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ से लगातार चार बार विधायक रहे गोविंद सिंह डोटासरा के निर्वाचन क्षेत्र में आता है। वीडियो में शिवानी ने गांव की दयनीय स्थिति को बयां करते हुए विकास के खोखले वादों और नेताओं के झूठे दावों की पोल खोली है।
शिवानी ने अपने वीडियो में गांव की बदहाल स्थिति को बयां करते हुए कहा कि यही है वह विकास, जिसका वादा हमसे किया गया था। थोड़ी सी बारिश में हमारा गांव नदी में बदल जाता है। शिवानी ने व्यंग्यात्मक लहजे में नेताओं की अनदेखी पर सवाल उठाए।
उसने कहा कि चुनाव के समय नेता बार-बार गांव में आते हैं, लेकिन अब उन्हें पता भी नहीं कि गांव में क्या हो रहा है। ग्रामीण भी नारे लगाते हैं, 'नेताजी तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं,' लेकिन असल में संघर्ष तो हमें करना पड़ता है। नेता तो ऐसी में बैठे रहते हैं।
वीडियो में शिवानी ने गांव में खराब जनरेटर और जलभराव के बीच खड़े बिजली के डीपी जैसे सुरक्षा जोखिमों को भी उजागर किया, जो ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। उसने तंज कसते हुए कहा कि नेताजी के भरोसे चाहे कोई मरे, चाहे कोई जिए, वे तो मौज करते हैं।
गाड़ोदा गांव में हर बारिश के बाद जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है। मुख्य सड़क, जो स्कूलों और श्मशान घाट को जोड़ती है, पूरी तरह डूब जाती है, जिससे छात्रों और ग्रामीणों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित होती है। वीडियो में शिवानी ने इस बदहाली के लिए नेताओं की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि चुनाव के बाद गांव की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता।
बताते चलें कि लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से गोविंद सिंह डोटासरा 2003 से लगातार विधायक हैं और वर्तमान में वे राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इसके बावजूद गांवों में बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। जलभराव के कारण न केवल दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। शिवानी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि बारिश का मौसम शुरू होते ही उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं और स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
Updated on:
09 Jul 2025 01:13 pm
Published on:
09 Jul 2025 01:12 pm
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