6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महिला समूह की सराहनीय पहल, अब पुलिस की बारी

सार्वजनिक स्थलों पर गाली गलौज करने वालों के ​खिलाफ मामला दर्ज कराने के फैसले को पुलिस से मिले सम्बल

2 min read
Google source verification

सीकर

image

Rudresh Sharma

Jun 20, 2025

सार्वजनिक स्थलों पर गाली गलौज के विरुद्ध मुहिम शुरू करती महिलाएं।

सार्वजनिक स्थलों पर गाली गलौज के विरुद्ध मुहिम शुरू करती महिलाएं।

सीकर के एक महिला समूह की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर गाली गलौज करने वालों के ​खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने का अनूठा संकल्प लिया गया है। आज के दौर में जब लोग अश्लीलता काे " आभूषण " समझने लगे हैं, तब सभ्य समाज की आबरू बचाने के लिए शुरू हुई यह पहल काबिल ए तारीफ है। बशर्ते पुलिस महिलाओं की ​शिकायत पर कार्रवाई में ना-नुकुर नहीं करे। सीकर के मनसुख रणवां मनु स्मृति संस्थान से जुड़ी महिलाओं के समूह ने हाल ही में बैठक कर यह निर्णय किया है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर महिला सूचक अश्लील गालियां देने वालों के ​खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगी। वहीं सोशल मीडिया पर भी मां बहन को संबो​धित करती अश्लील गालियां लिखने वालों के ​खिलाफ ​शिकायत दर्ज कराएंगी। हालांकि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 352 के तहत पहले से ही सार्वजनिक स्थानों पर गाली गलौज करने वालाें के ​खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। जिसके तहत दोषी को दो साल की सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। लेकिन निजी झगड़ाें को छोड़ दें तो शायद ही ऐसा कोई मामला हो, जिसमें पुलिस ने आगे होकर ऐसे लोगों के ​खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की हो। आजकल तो ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर आने वाली वेब सीरिज व फिल्मों में बे-रोकटोक गालियों के प्रयोग ने आदर्श सामाजिक परिवेश को पूरी तरह दू​षित कर दिया है। ऐसे में पुरुष ही नहीं महिलाएं और युवतियां भी आपसी बोलचाल में अश्लील गालियों के प्रयोग को अपनी शान समझती हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी पोस्ट और कमेंट्स में गालियां लिखने से कोई गुरेज नहीं करते। जो लोग सीधे अपशब्द नहीं लिखना चाहते वे अपभ्रंश शब्दों का प्रयोग करते हैं। चिंता का विषय तो यह है कि नई पीढ़ी के किशोरवय बालक-बालिकाएं आपसी संवाद में गालियों का उपयोग ऐसे करते हैं, जैसे यह उनकी सामान्य बोल चाल की भाषा हो। दूसरी ओर परिवार के साथ मनोरंजन के लिए पार्क, चौपाटी, ​थियेटर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले लोग जब अपने आस-पास वालों के मुंह से अश्लील गालियां सुनते हैं तो पूरा परिवार शर्मसार हो जाता है। इस माहौल में महिलाओं की ओर से की गई नई पहल स्वच्छ संवाद की दिशा में उम्मीद की एक किरण के रूप में नजर आती है। जरूरत इस बात की है कि इस मुहिम को सरकार की तवज्जो मिले। राज्य के नए पुलिस महानिदेशक भी इस मुद्धे को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें। ताकि सामाजिक परिदृश्य और प्रदू​षित ना हो।