हृदयविदारक हादसा: किसी का धड़ अलग पड़ा था तो किसी के हाथ-पांव, क्षत-विक्षत शवों को देखकर कांप उठी रूह
धमाके के बाद आंखों के सामने अंधेरा छाया
घायल दिल्ली के दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि वह अपने साथी त्रिलोकीनाथ त्रिपाठी, विनोद गुप्ता, अरविंद चौधरी व एक अन्य साथी के साथ जीप में पीछे की ओर बैठे थे। खाटू से कुछ दूरी पर चलते ही तेज धमाका हुआ। आंखों के सामने अंधेरा छा गया। कुछ देर बाद आंख खुली तो हम बाहर गिरे पड़े थे। सभी को खाटू लाया गया। मेरे साथियों को जयपुर रैफर कर दिया गया।