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VIDEO: नीमकाथाना में फिर उठी अंडरपास निर्माण की मांग

नीमकाथाना. शहर के मध्य में स्थित एलसी नंबर 76 पर अंडरपास निर्माण कार्य को लेकर शहरवासी फिर लाबंद होने लगे है। वर्षों से अटक रहे आरयूबी का निर्माण कार्य से शहर दो भागों में बंटा हुआ है।

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सीकर

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Mukesh Kumawat

Aug 22, 2023

VIDEO: नीमकाथाना में फिर उठी अंडरपास निर्माण की मांग

VIDEO: नीमकाथाना में फिर उठी अंडरपास निर्माण की मांग

नीमकाथाना. शहर के मध्य में स्थित एलसी नंबर 76 पर अंडरपास निर्माण कार्य को लेकर शहरवासी फिर लाबंद होने लगे है। वर्षों से अटक रहे आरयूबी का निर्माण कार्य से शहर दो भागों में बंटा हुआ है। हालांकि आरओबी की व्यवस्था है, मगर शहरवासियों की मुख्य मांग आरयूबी है। आरओबी शहर को सीधा सीकर रोड से जोड़ता है, इससे रेलवे लाइन के पश्चिम तरफ के लोगों को आरओबी से जाने में परेशानी हो रह है। रेलवे लाइन के पश्चिम तरफ के लोगों की सरकार से मांग है कि अगर आरयूबी का निर्माण हो जाए तो उनको आवागमन में सुविधा मिलेगी। शहरवासी यह मांग चार पांच वर्ष से उठा रहे हैं। मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यही नहीं वार्डवासी एलसी नंबर 76 पर करीब 111 दिनों तक लगातार धरना भी दे चुके हंै। सोमवार को पार्षद महेन्द्र गोयल के नेतृत्व में वार्डवासियों ने जिला कलक्टर श्रुति भारद्वाज को ज्ञापन देकर आरयूबी का निर्माण शुरू करवाने की मांग की। इस दौरान बनवारीलाल ढबास, राकेश शर्मा, ताराचंद मिठारवाल, कांग्रेस नगर अध्यक्ष बलदेव यादव, लक्ष्मीकांत, धीरेन्द्र कुमार, बनवरीलाल सैनी सहित अनेक वार्डवासी मौजूद रहे। जमीन अधीग्रहण में अटका मामला रेलवे लाइनों के नीचे बॉक्स डाला हुआ है, जिसमें से लोग पैदल आवागमन करते हंै। आरयूबी के लिए दोनों तरफ अधिग्रहण वाली भूमि के लिए बजट नहीं आने से कार्य लंबित है। वहीं नगर पालिका की ओर से गजट नोटिफिकेशन के लिए स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से सरकार को भेजा हुआ है। वार्डवासियों ने प्रशासन से अंडरपास का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने की मांग की है।

अर्थी लेकर रेल लाइनों से गुजरने को मजबूर लोग

रेलवे लाइनों के पश्चिम की तरफ निवास कर रहे लोगों का कहना है इस तरफ करीब बीस गांव ढाणियां इस समस्या से प्रभावित हैं। मृतक संस्कार के लिए अर्थी को रेल लाइन से पार करना पड़ता है, जो की बहुत जोखिम भरा भी है और कानून का उल्लंघन भी है। वहीं बुजुर्ग व अपाहिज पैदल व्यक्तियों को पुलिया चढ़कर 2 किलोमीटर जाना पड़ता है।


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