शहर के मुख्य चौराहों पर ही यातायात पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं शेष जगह पर यातायात पुलिस नहीं रहती है। राणी सती चौराहा, नगर परिषद के पास, अंबेडकर सर्किल के पास, रिलायंस फ्रेश के सामने लोक परिवहन बसें, निजी बसें व रोडवेज बस चालक यहां पर बसों को रोककर सवारियां उतारते हैं। ऐसे में यहां पर लंबा जाम लग जाता है। वहीं राणी सती चौराहा, नगर परिषद के सामने व अंबेडकर सर्किल पर यातायात कर्मी नहीं होने से यहां वाहन चालक बेरतरबी तरीके से वाहनों को निकालते हैं। बस चालक मनमर्जी करते हैं। ऐसे में सुबह-शाम को ऑफिस जाने वाले व अन्य जिलों से आने वाले राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां लग रहा लंबा जाम- राणी सती से लेकर कृषि उपज मंडी के गेट तक निजी बस, लोक परिवहन बसों, रोडवेज बसों के साथ ही अन्य निजी वाहनों की लंबी कतारे लगी रहती है। वहीं कल्याण सर्किल, डाक बंगला, कलक्ट्रेट कार्यालय, मारू स्कूल, नवलगढ़ रोड पुलिया के पास, पिपराली चौराहा, घंटाघर, कल्याणजी के मंदिर से लेकर सालासर बस स्टेंड तक वाहनों की कतारें लगती रहती है। कल्याण जी के मंदिर के सामने से मोहल्ला कारीगरान वाले रास्ते से लोक परिवहन बसें व निजी बसें निकलती हैं, ऐसे में शीतला चौक, घंटाघर, चांदपोल गेट वाले मार्गों पर जाम लगा रहता है।
शहर में बसों की एंट्री बंद, फिर भी बेधड़क चल रही-
निजी बसों और लोक परिवहन बसों की दिन के समय शहर में एंट्री बंद है। इन बसों को बड़ा तालाब स्थित बस स्टेंड पर ही रुकना होता है लेकिन ये राणी सती चौराहा, नगर परिषद, अंबेडकर सर्किल, बजरंग कांटा होते डिपो तिराहे पर आकर खड़ी हो जाती हैं और यहां सवारियां लेती हैं। ऐसे में हर दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं लोसल, धोद, खाचरियावास, नागौर, अजमेर, पुष्कर सहित अन्य रूटों पर जाने वाली निजी व लोक परिवहन बस संचालक सवारियां लेने के लिए बजरंग कांटा पर बसें लगा देते हैं। यहां पर पहले से ही सिटी बसें और ऑटोरिक्शा व ई-रिक्शा चालक खड़े रहते हैं। ऐसे में एक बस खड़े होते ही यहां जाम लग जाता है।
कई बार एमएनआईटी की टीम ने सर्वे किए, सुझावों पर कार्य ही नहीं होता-
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एमएनआईटी की टीम से सर्वे करवाया जाने, सड़क दुर्घटना में कमी लाने, शहर में पार्किंग व्यवस्था, कॉम्प्लेक्स पार्किंग, ओवरलोड वाहन, ऑटोरिक्शा स्टैंड, जाम से निजात पाने सहित विभिन्न मुद्दों पर कई बार बैठकें हो चुकी है। जाएगी। हालांकि इन बैठकों में लिए जाने वाले निर्णयों पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता है। वहीं ट्रेफि में सुधार का काम भी नहीं किया जा रहा है।
नगर परिषद साथ नहीं दे रहा-
नगर परिषद वाले हमारा साथ नहीं दे रहे हैं। नो पार्किंग के बोर्ड लगाने के साथ ही सफेद पट्टी आदि लगाने के लिए कई बार कहा है लेकिन वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। थड़ी-ठेला, दुकानों के अस्थायी अतिक्रमण पर सप्ताह में दो बार कार्रवाई करेंगे। शहर के मुख्य मार्गों व जाम वाले चौराहों पर यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाएंगे। कृष्ण कुमार, टीआई, सीकर