
Education: 3 प्वाइंट फॉर्मूले से दूर हो सकती है डेढ लाख शिक्षकों की समस्या
education three point formula can solve problem of 1.5 lakh teachers सीकर. चुनावी साल में ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले व नई भर्ती की नियुक्ति सरकार व शिक्षा विभाग के लिए गलफांस बन गए हैं। डीपीसी पर कोर्ट की रोक के बीच ये तय नहीं हो पा रहा है कि तबादलों व नई भर्ती के लिए खाली पदों की व्यवस्था कैसे हो। इनसे जुड़े करीब डेढ लाख शिक्षकों को संतुष्ट करने के साथ आगामी सत्र से पहले स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करना भी बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में शिक्षक संगठनों की मदद से पत्रिका ने थ्री प्वाइंट फॉर्मूला तैयार किया है। जिसे अपनाने पर शिक्षकों के साथ सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 96 लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई की समस्या का भी समाधान हो सकता है।
ये तीन स्टेप हो सकते हैं कारगर
स्टेप 1: तदर्थ पदोन्नति
डीपीसी पर रोक की वजह से शिक्षकों की पदोन्नति तीन सत्र से अटकी हुई है। जिसके चलते ग्रेड थर्ड के पद खाली नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए विभाग को अस्थाई तौर पर शिक्षकों को तदर्थ रुप से पदोन्नत किया जा सकता है। कोर्ट का फैसला नहीं आने तक व्याख्याता से लेकर ग्रेड थर्ड तक अस्थाई पदोन्नति से ग्रेड थर्ड के करीब 25 हजार पद खाली हो जाएंगे। करीब 50 हजार शिक्षकों को भी फायदा होगा।
स्टेप: शिक्षकों के तबादले
तदर्थ पदोन्नति के बाद सरकार को ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इसके लिए 6(3) की पात्रता रखने वाले प्रा. शि. के शिक्षकों को मा. शि. मी स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे मा. शि. के रिक्त पद भरे जा सकेंगे और नई नियुक्ति के लिए प्रा . शि. मी पद रिक्त हो जाएँगे।इससे लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर रहे शिक्षकों को गृह जिला मिल सकेगा। इससे भी करीब 50 हजार शिक्षकों को फायदा होगा।
स्टेप 3: नई भर्ती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति
डीपीसी व तबादलों के बाद ग्रेड थर्ड शिक्षकों के प्रदेश में करीब 45 हजार पद खाली हो जाएंगे। इन पदों पर फिर नई भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए।
अभी डीपीसी ने अटका रखा है मामला
तबादलों व नई भर्ती से नियुक्ति के बीच फिलहाल डीपीसी विभाग के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है। 2019 में एडिशनल विषय से स्नातक की फर्जी डिग्री के मामले में वरिष्ठ शिक्षकों तथा पीजी में संबंधित विषय की अनिवार्यता के नियम के मुद्दे पर व्याख्याताओं की डीपीसी कोर्ट में अटकी हुई है। जिसके चलते तबादलों व नई भर्ती के लिए ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पर्याप्त पद नहीं हो पा रहे हैं। तदर्थ नियुक्ति के लिए हाल में शासन सचिव को लिखे पत्र में खुद निदेशक ने भी इसका जिक्र किया था। जिसमें लिखा था कि नई भर्ती के लिए 19 हजार पदों की गणना विभाग ने संभावित डीपीसी को ध्यान में रखते हुए ही की थी। ऐसे में तदर्थ पदोन्नति व उसके बाद तबादले और फिर नई भर्ती का फॉर्मूला शिक्षकों के लिए फायदेमंद हो सकता है।इससे शिक्षकों की कमी दूर होने के साथ आगामी सत्र में सरकारी स्कूलों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी।
शिक्षक संगठन भी सहमत
1. तदर्थ पदोन्नति के बाद तबादलों व नई नियुक्ति के थ्री प्वाइंट फॉर्मूले से वाकई में शिक्षकों की सभी समस्या का समाधान हो सकता है। संगठन इसके पक्ष में है।
सुरेश कुमार, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (अंबेडकर)
2. तदर्थ नियुक्ति और तबादलों से होने वाले रिक्त पदों पर ही नई भर्ती में चयनित शिक्षकों की नियुक्ति सम्भव है। अन्यथा प्रा.शि. में मात्र 21000 पद रिक्त हैं। ये सुझाव हमने विभाग के अधिकारियों और शिक्षा मंत्री को दिया है। इस थ्री प्वाइंट फ़ार्मूले से सभी मुद्दों का समाधान भी हो सकता है और ये शिक्षक, छात्र, विभाग और सरकार हित में भी है। अन्यथा जुलाई माह में नव प्रवेश के समय प्रतिकूल असर देखने को मिलेगा।
उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।
Published on:
07 Jun 2023 10:45 am
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