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गांवों में खिलाडिय़ों की फौज, शहरों में टोटा

अब तक डेढ़ लाख भी नहीं हो सका शहरी ओलम्पिक के लिए पंजीयनजबकि ग्रामीण ओलम्पिक में 30 लाख से अधिक हुआ था पंजीयनपरीक्षाओं के बीच में आयोजन और जनाधार कार्ड की अनिवार्यता की वजह से फंसा पेंच

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सीकर

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Ajay Sharma

Jan 16, 2023

गांवों में खिलाडिय़ों की फौज, शहरों में टोटा

प्रदेश में श्रीगंगानगर सबसे आगे, सीकर दूसरे स्थान पर

खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए सरकार की ओर कराए जाने वाले शहरी ओलम्पिक में खिलाडिय़ों का टोटा नजर आ रहा है। शहरी ओलम्पिक में शामिल होने के लिए रविवार तक प्रदेशभर में एक लाख 33 हजार 636 खिलाडिय़ों ने ही पंजीयन कराया। जबकि 26 जनवरी से प्रदेशभर में शहरी ओलम्पिक शुरू होने है। इसमें शामिल होने के लिए किसी भी आयु वर्ग के खिलाड़ी 21 जनवरी तक पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन का आंकड़ा नहीं बढऩे से जिला कलक्टरों से लेकर खेल अधिकारी और नगर निकायों की अधिकारी लगातार चिन्तित है। दूसरी तरफ जबकि ग्रामीण ओलम्पिक में प्रदेश में 30 लाख का रेकार्ड पंजीयन हुआ था। ग्रामीण ओलम्पिक से यूथ के जुड़ाव को देखते हुए सरकार ने शहरी ओलम्पिक की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक यूथ पूरी तरह सोशल डिस्टेंस बनाए हुए है। अब पंजीयन के मामले में श्रीगंगानगर जिला प्रदेश में सबसे आगे है। यहां शहरी ओलम्पिक के लिए 14 हजार 672 ने पंजीयन कराया है। जबकि दूसरी पायदान पर सीकर जिला है यहां 9463 ने पंजीयन कराया है। प्रदेश में राजसमंद जिला अभी तक फिसड्डी है। यहां आंकड़ा रविवार तक एक हजार भी नहीं पहुंचा। पत्रिका ने शहरी ओलम्पिक में पंजीयन की धीमी रफ्तार को लेकर पड़ताल की तो कई वजह सामने आई।


किस जिले में कितना पंजीयन
श्रीगंगानगर 14672
सीकर 9463
भीलवाड़ा 7088
करौली 6224
हनुमानगढ़ 6092
अलवर 6154
बीकानेर 4723
धौलपुर 4723
जालौर 4084
नागौर 4392
पाली 4180
जैसलमेर 4412
कोटा 4216
झुंझुनूं 4254
भरतपुर 3907
जयपुर 3615
बाड़मेर 4356
बांरा 2853
दौसा 2867
टोंक 4475
सिरोही 3329
डूंगरपुर 2462
सवाईमाधोपुर 2596
झालावाड़ 2684
अजमेर 2285
बूंदी 1935
प्रतापगढ़ 1846
चित्तौडगढ़ 1840
जोधपुर 1821
उदयपुर 1465
बांसवाड़ा 1339
चूरू 1636
राजसमंद 911
( पंजीयन का आंकड़ा रविवार शाम की स्थिति के अनुसार)


पत्रिका पड़ताल: तीन वजहों से फंस रहा पेंच

1. जनाधार से पंजीयन, पहले आधार कार्ड से मौका
शहरी ओलम्पिक में पंजीयन की रफ्तार कम होने के पीछे सबसे बड़ी वजह जनाधार कार्ड है। ग्रामीण ओलम्पिक में सरकार ने आधार कार्ड के जरिए पंजीयन कराया था। जबकि शहरी ओलम्पिक में पंजीयन के लिए जनाधार कार्ड संख्या पूछी जाती है। कई परिवारों के पास जहां जनाधार कार्ड नहीं है। वहीं कई लोग जनाधार कार्ड के दुरुप्रयोग के भय से पंजीयन नहीं करा रहे हैं।

2. परीक्षा सीजन: इसलिए विद्यार्थी और अभिभावों का डिस्टेंस
बोर्ड व विवि की परीक्षाओं के हिसाब से जनवरी से मार्च का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। शहरी ओलम्पिक का आयोजन भी जनवरी महीने में होना है। ऐसे में विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों ने सोशल डिस्टेंस बना लिया है। शहरी युवाओं की ओर से आयोजन मार्च के बाद कराए जाने की मांग उठ रही है।

3. पार्षदों का जुड़ाव नहीं
ग्रामीण ओलम्पिक में सरकार ने जनप्रतिनिधियों के जुड़ाव के लिए कई नवाचार किए। शहरी ओलम्पिक में मुख्य भूमिका पार्षदों की है। लेकिन पार्षदों को जोडऩे के लिए शहरी सरकार की कोई पहल नहीं की गई। ऐसे में ज्यादातर नगर निकायों में पार्षदों की ओर से पंजीयन के आंकड़े को बढ़ाने के लिए पहल नहीं की जा रही है।

जिले में 3196 महिलाओं ने कराया पंजीयन
जिले में राजीव गांधी शहरी ओलम्पिक में 9330 खिलाडियों ने ऑनलाईन पंजीयन कराया है। इसमें 6134 पुरूष व 3196 महिलाएं शामिल है। जिला खेल अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि नगर पालिका रामगढ़ में 763 पुरुष व 736 महिलाओं ने पंजीयन कराया है। फतेहपुर में 819 पुरुष व 546 महिलाओं, सीकर में 1001 पुरुष व 271 महिलाओं ने अब तक पंजीयन कराया है। श्रीमाधोपुर की बात करें तो यहां 723 पुरुष व 264 महिला, लक्ष्मणगढ़ में 712 पुरुष व 267 महिला, नीमकाथाना में 565 पुरुष, खंडेला में 547 पुरुष, रींगस में 418 पुरुष व 152 महिलाओं ने, खाटूश्यामजी में 236 पुरुष व 104 महिलाओं ने, लोसल में 147 पुरुष व 144 महिलाओं ने पंजीयन कराया है। दांता में 99 पुरुष व 91 महिलाओं ने और अजीतगढ़ नगर पालिका में 125 पुरुष व 26 महिलाओं ने पंजीयन कराया है।

सीकर रहेगा प्रदेश में सबसे आगे: सभापति
सीकर शहरी ओलम्पिक के पंजीयन के मामले में सबसे आगे रहेगा। जनप्रतिनिधियों के साथ आमजन की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है। खेल प्रतियोगिताओं के लिए मैदान भी चिन्हित कर लिए गए है। इसमें हर आयु वर्ग के प्रतिभागी पंजीयन करा सकते है।
जीवण खां, सभापति, सीकर नगर परिषद