सीकर. शहर के मित्रों की एक मंडली की पर्यावरण से मैत्री हर किसी को उनका मुरीद बना रही है। पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिए ये ग्रुप सिंगल यूज प्लास्टिक को प्लास्टिक की बोतलों में ही इकट्ठा करता है, जिसकी ईको फ्रेंडली ईंटे बनाकर स्कूलों में एजुकेशनल पार्क सरीखे शैक्षिक विकास के कार्य किए जाते हैं। 2021 में पर्यावरण दिवस पर ईको फ्रेंडली कार्यों को आदत में लाने के संकल्प के साथ 9 मित्रों की ’द एवर ग्रीन्स’ नाम से शुरू हुई ये मुहिम अब प्रदेश के 171 स्कूलों सहित 500 से ज्यादा घरों तक पहुंच चुकी है।
द एवर ग्रीन्स ग्रुप की शुरुआत एसके स्कूल प्रधानाचार्य विवेक जांगिड़, कारोबारी रामबाबू सैनी, गोपाल खंडेलवाल व देवकीनंदन पारीक, पूनम सोनी, मेल नर्स गजराज सिंह, व्यायाता योगेश शर्मा, हिमांशु शर्मा लेखाधिकारी नरेंद्र पारीक ने की थी। अब उसमें 25 से ज्यादा सदस्य जुड़ चुके हैं। अभियान में शामिल लोग प्लास्टिक की खराब बोतल व थैली को फेंकने के बजाय इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक मसलन चॉकलेट, बिस्किट, चिप्स के रेपर आदि एक तिहाई मात्रा में भरकर रख लेते हैं। फिर उनका सदुपयोग किया जाता है।
द एवर ग्रीन अभियान का असर छाजा की नांगल एमजीजीएस में देखा जा सकता है। विवेक जांगिड़ की अगुआई में यहां सिंगल यूज प्लास्टिक की ईंटे बनाकर एक पूरा एजुकेशनल पार्क विकसित किया गया है, जिसमें गणितीय आकृतियों की चिनाई में इन्हीं ईंटों व सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। स्कूली बच्चों के सहयोग से प्लास्टिक का उपयोग गमले व अन्य निर्माण कार्यो में भी किया गया है। जांगिड़ की अब एसके स्कूल में ईको फ्रेंडली पार्क विकसित करने की योजना है।
द एवर ग्रीन मुहिम को प्रचार अभियान के जरिये आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों, पार्क तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर द एवर ग्रीन की टीम लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को खतरे व इनके सदुपयोग के बारे में जानकारी देती है। ग्रुप सोशल मीडिया से भी एक दूसरे से जुड़ा है, जिसमें सदस्य अपनी गतिविधियों व उपलब्धियों को फोटो सहित शेयर करते हैं।
Updated on:
12 Jun 2025 06:05 pm
Published on:
12 Jun 2025 06:04 pm