
सबकी मनौतियां पूरी करने वाला धाम लगा रहा गुहार
नीमकाथाना/गणेश्वर.
अरावली की गोद में बसा गालव गंगा तीर्थ गर्म जलधारा के लिए प्रसिद्ध है। यह प्राचीन तीर्थ स्थल गालव ऋषि की तपोस्थली रहा है। बारिश में चारों तरफ अरावली की वादियां पर हरितमा आच्छादित हो जाती हैं। यहां गो मुख से स्वत: ही गर्म जल धारा प्रवाहित होती है।
प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु स्नान करने के लिए दूर-दराज से आते हैं। लेकिन सुविधाओं के अभाव में गणेश्वर तीर्थ धाम में आने वाले श्रद्धालु परेशान हो रहे हें। यहां कितने ही जनप्रतिनिधि आए और गए लेकिन तीर्थ धाम का विकास की ओर ध्यान नहीं दिया। हर साल सावन शुरू होते ही ग्रामीणों व भामाशाहों की बैठक में धाम के विकास की चर्चा होती है।
ग्रामीणों ने धाम के विकास को लेकर कई बार मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक को ज्ञापन दिए। तीर्थ धाम पर ना तो धर्मशाला है ना ही होटल है। स्थाई पार्किंग तक नही है। सुरक्षा के लिए सावन मास में कुंड में पुलिस कर्मी लगा दिए जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए नाकाफी होते है।
गणेश्वर तीर्थ स्थल गणेश्वर सभ्यता के नाम से प्रसिद्ध है। यह ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में प्राचीनतम स्थल है। यहां पर कुल्हाड़ी, बाण, भाले, सुइयां, मछली पकडऩे के कांटे के साथ-साथ चूडिय़ां एवं तांबे के आभूषण मिले थे। इसके बावजूद भी सरकार इस धाम के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व में सीएम वसुंधरा राजे का सालावाली में आगमन पर ग्रामीणों ने गणेश्वर तीर्थ धाम के विकास को लेकर ज्ञापन
दिया था।
ग्रामीण रामनारायण महाजन ने बताया कि पूर्व में लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़, पूर्व सांसद सुभाष महरियां सहित कई नेताओं को मामले से अवगत करवाया था। उस दौरान कई अधिकारी तीर्थधाम का निरीक्षण तो कर जाते हैं मगर धाम पर विकास कुछ नहीं दिखाई देता है।
गांव में होने वाली रात्रि चौपाल में भी गणेश्वर तीर्थधाम का अधिकारियों के समाने मुद्दा उठाया जाता है। लोकसभा चुनाव में सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने लोगों की मांग पर तीर्थधाम का विकास कार्य करवाने का अश्वासन दिया था।
सरकार तक पहुंचाएंगे
&कोशिश पूरी रहेगी कि गणेश्वर तीर्थधाम का विकास जल्द हो। सरकार तक मामले को पहुंचाया जाएगा।
सुरेश मोदी, विधायक, नीमकाथाना
Published on:
31 Jul 2019 04:36 pm
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