29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसानों का महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल, बजाए पीपे और ढोल

-राहगीरों से हार्न बजाकर दिया समर्थन

2 min read
Google source verification

सीकर

image

Ashish Joshi

Jul 09, 2021

किसानों का महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल, बजाए पीपे और ढोल

किसानों का महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल, बजाए पीपे और ढोल

सीकर. पेट्रोल-डीजल, रसोई-गैस की बढ़ती महंगाई के विरोध में गुरुवार को किसानों ने जिले में अनूठे अंदाज में विरोध जताया। संयुक्त किसान मोर्चा के के बैनर तले किसानो ने अपने- अपने क्षेत्र में खाली सिलेंडर उठाकर और पीपे,थाली और ढोल बजाई। दादिया टोल पर और कलेक्ट्रेट पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महंगाई के विरोध में केन्द्र सरकार को जमकर कोसा। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार आने से पहले के अंतर्राष्ट्रीय भाव की तुलना में कच्चे तेल के भाव ५० प्रतिशत कम है फिर भी केन्द्र सरकार मनमाने तरीके से पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस के दाम बढ़ा रही है। जिसका नतीजा है कि आमजन सहित किसानो की कमर टूट गई गई। इस दौरान दादिया टोल सहित अन्य मोर्चा स्थल पर यात्रियों और राहगीरों को जौ की घाट पिलाई।
--------
खाली सिलेंडर पर चाय की केतली रख की नारेबाजी
महंगाई के विरोध में दोपहर 12 बजते ही जहां पर वाहन चालको ने अपने वाहनों को सडक़ किनारे खड़े करके महंगाई के विरोध में आठ मिनट तक हार्न बजाए। साथ ही आमजन ने सडक़ किनारे खाली सिलेंडर रखकर उस पर चाय की खाली केतली रखकर पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ती महंगाई के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान महंगाई से सम्बन्धित कविताएं, लोकगीत, हिन्दी गाने व किसान क्रांति के गीत भी प्रस्तुत किए।

---------
ये रहे मौजूद
दादिया टोल पर आयोजित कार्यक्रम में राजपाल सिंह झाझडिया, अखिल भारतीय किसान सभा के हरिसिंह गढ़वाल, भारतीय किसान यूनियन टिकैत प्रदेश उपाध्यक्ष सदर कासिम खिलजी,भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़ , अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा जिला अध्यक्ष रतन सिंह पिलानिया, लोक गायक सुल्तान सिंह सुंडा, जगदीश फौजी, दौलतपुरा सरपंच दिनेश आर्य, हरलाल सिंह मील , बीरबल खाकल, पूर्व तहसीलदार औंकारमल मूण्ड, पूर्व सरपंच दुर्गा प्रसाद मील, हरिराम बगडिय़ा, सतपाल फगेडिय़ा, सांवरमल मुंड, रणजीत सिंह मील, जगदीश सिंह, रामदेव सिंह, ओमप्रकाश, भवानी सिंह, मूलचंद भूखर, श्रवण ख्यालिया, मूलचंद झाझरिया, भंवर सिंह, जगन सिंह, वीरेंद्र रेपसवाल, ज्ञानप्रकाश काजला, बी एल मील सहित कई किसान मजदूर एवं आम उपभोक्ता शामिल हुए ।