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FASTag: 30 सेकेंड में स्कैन होकर निकली थी गाड़ियां, 10-10 मिनट तक आगे-पीछे करते रहे चालक

locationसीकरPublished: Dec 16, 2019 11:43:15 am

Submitted by:

Naveen

FASTag: राष्ट्रीय राजमार्गों ( National Highways ) पर टोल पेमेन्ट के लिए अनिवार्य किया गया फास्टैग सिस्टम ( Fastag System ) पहले दिन ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ता दिखा। टोल बूथ ( Toll Booth ) पर ना तो एनएचएआइ ( NHAI ) ही इसके लिए पूरी तरह तैयार था और ना ही वाहन चालक इसे पूरी तरह से स्वीकार पाए।

फास्टैग: 30 सैकेंड में स्कैन होकर निकली थी गाडिय़ां, 10-10 मिनट आगे-पीछे करते रहे चालक

फास्टैग: 30 सैकेंड में स्कैन होकर निकली थी गाडिय़ां, 10-10 मिनट आगे-पीछे करते रहे चालक

रणजीत सिंह शेखावत, पलसाना.

FASTag: राष्ट्रीय राजमार्गों ( National Highways ) पर टोल पेमेन्ट के लिए अनिवार्य किया गया फास्टैग सिस्टम ( fastag System ) पहले दिन ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ता दिखा। टोल बूथ ( toll booth ) पर ना तो एनएचएआइ ( NHAI ) ही इसके लिए पूरी तरह तैयार था और ना ही वाहन चालक इसे पूरी तरह से स्वीकार पाए। लचर व्यवस्थाओं के चलते शनिवार को दिनभर टोल बूथों पर जाम लगा रहा। अखैपुरा टोल बूथ पर जाम में बिना फास्टैग वालों के साथ ही फास्टैग वाले वाहन चालक भी परेशान होते रहे। लेकिन टोलकर्मियों के पास भी एक किलोमीटर लंबी लाइनों के बीच से फास्टैग वालों को अलग से निकालने का कोई इंतजाम नही था। टोल बूथ पार करने में वाहन चालकों को एक घंटा का समय लगा। पत्रिका टीम ने टोल बूथों पर हालात देखे तो कु ऐसे ही नजारे सामने आए।


एक किलोमीटर पहले से दिखी ‘मुसीबत’
टोल बूथ पर फास्टैग अनिवार्य करने के बाद सुबह एक बारगी एनएचएआइ के नियमों के अनुसार ही टोल संचालकों ने बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए एक ही लाइन रखी गई थी। जिससे कैश भुगतान करके वाहन निकल रहे थे। लेकिन बाद में यातायात का दबाव बढऩे लगा एवं टोल बूथ पर वाहनों की कतार लग गई। इसके बाद एक के बजाय दो लाइनों में कैश भुगतान की लाइनों को चालू कर दिया गया। हालंाकि इसके बाद भी अधिकतर वाहन कैश भुगतान वाली लाइनों से होकर ही गुजर रहे थे।

फास्टैग: 30 सैकेंड में स्कैन होकर निकली थी गाडिय़ां, 10-10 मिनट आगे-पीछे करते रहे चालक

टाटियाबास टोल: पहले घंटे ही निकला दम
जयपुर—सीकर रोड पर टाटियाबास टोल पर फास्टैग की सुविधा का पहले घंटे में ही दम निकलता नजर आया। फास्टैग लेन में जहां अव्यवस्थाओं के कारण वाहनों के टैग स्कैन नहीं हुए वहीं कैश वाले वाहन भी फास्टैग लेन में घुस गए। ऐसे में लेन में लंबा जाम लग गया। वहीं कई वाहन चालकों को दोगुना भु्गतान करना पड़ा। दूसरी ओर टाटियावास गांव के तिराहे पर अवैध रूप से लगाए गए टोल बूथों पर भी वाहन दूसरे रास्ते से निकलते दिखाई दिए।


फिर भी…फास्टैग में नहीं दिखाई दिलचस्पी
अखैपुरा टोल बूथ पर वाहन चालक दिनभर जाम में जूझते रहे लेकिन फास्टैग को स्वीकार करने को लेकर उनमें कोई दिलचस्पी नजर नही आई। रविवार को टोल से केवल 26 प्रतिशत गाडिय़ां ही फास्टैग की लाइनों से गुजरी। जिसमें से भी ज्यादा बड़ी गाडिय़ां ज्यादा थी। इस दौरान कैश भुगतान वाली लाइनों में वाहन रैंग-रैंग कर चलते रहे लेकिन इसके बावजूद भी वाहन चालकों में फास्टैग बनवाने को लेकर भी कोई दिलचस्पी नही दिखी। अखैपुरा टोल बूथ पर एयरटेल, आइएचएमसीएल, पेटीएम, आइसीआइसीआइ आदि चार कम्पनियों की ओर से फास्टैग लगाने का कार्य किया जा रहा है।

फास्टैग: 30 सैकेंड में स्कैन होकर निकली थी गाडिय़ां, 10-10 मिनट आगे-पीछे करते रहे चालक

करते रहते आगे-पीछे
फास्टैग लगी गाडिय़ां दस-दस मिनट तक फास्टैग की लाइनों में कभी आगे तो कभी पीछे होती रही। लेकिन सैंसर फास्टैग का स्कैन ही नही कर रहा था। फास्टैग होने के बावजूद भी कई वाहन चालक परेशान होते रहे।


फंसी रही एंबुलेंस
गाडिय़ों को नियंत्रित करके निकालने में टोलकर्मी मशक्कत करते रहे। लेकिन सडक़ पर आड़े तिरछे खड़े वाहनों के कारण पीछे से आने वाले एंबुलेंस वाहन भी जाम के कारण आगे नही आ पा रहे थे।


दोगुना पैसा देने को तैयार
जाम में फंसे वाहन चालक फास्टैग वाली लाइनों से निकालने के लिए टोलकर्मियों से नियमानुसार दुगुना जुर्माना देकर भी निकलने का आग्रह करते नजर आए।

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