26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पूर्व केंद्रीय मंत्री की भाजपा में वापसी की चर्चाएं, सोशल मीडिया पर फोटो से गरमाई सियासत

पूर्व केंद्रीय म़़त्री सुभाष महरिया व भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की मुलाकात, फोटो हुआ वायरल

2 min read
Google source verification

सीकर

image

Sachin Mathur

Jan 14, 2022

पूर्व केंद्रीय मंत्री की भाजपा में वापसी की चर्चाएं, सोशल मीडिया पर फोटो से गरमाई सियासत

पूर्व केंद्रीय मंत्री की भाजपा में वापसी की चर्चाएं, सोशल मीडिया पर फोटो से गरमाई सियासत

सीकर. कांग्रेस नेता सुभाष महरिया (former Union Minister Subhash Mahariya) की उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Churu MLA and BJP Leader Rajendra Rathore) के साथ मुलाकात ने सियासी गलियारों की चर्चाओं को फिर तेज कर दिया है। राठौड़ से मुलाकत के बाद उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे महरिया और राठौड़ दोनों अजीज मित्र हैं। दरअसल, महरिया का जन्मदिन था और राठौड़ उन्हें जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे थे। (Subhash Mahariya and Rajendra Rathore Photo) दोनों के बीच रामा-श्यामा के साथ सियासी बातचीत की भी सूचना है। महरिया कभी वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार हुआ करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब इस मुलाकात के बाद उनकी भाजपा में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि भाजपा नेता राठौड़ ने खुद इस मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर भी की है। पत्रिका ने इस संबंध में कांग्रेस नेता सुभाष महरिया से बातचीत की। महरिया बोले-मायने तो कुछ भी निकाले जा सकते हैं, लेकिन वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही है और कांग्रेस में ही रहकर जनसेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि दोस्ती तो सभी से होती है। राठौड़ उनके पुराने अजीज मित्र है। पार्टी भले ही बदल गई हो लेकिन दोस्ती कम नहीं हुई है।

चर्चा यह भी, कहीं प्रेशर पॉलिटिक्स तो नहीं
सियासी गलियारों में महरिया और राठौड़ की मुलाकात को प्रेशर पॉलिटिक्स से जोड़कर भी देखा जा रहा है। महरिया ने पिछले लोकसभा चुनाव में सीकर से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं हो सकी। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही महरिया को बोर्ड, आयोग में पद मिलने की चर्चाएं उठती रही हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक महरिया को कोई पद नहीं दिया। ऐसे में सियासत के जानकार इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा भी बता रहे हैं।