सीकर. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में तीज-त्योहारों के साथ ही 26 जून से गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दौरान नौ दिन तक महाविद्याओं की खास साधना की जाएगी। गुप्त नवरात्र में खरीदारी के लिए 10 से अधिक योग संयोग भी रहेंगेे। वहीं, छह जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होगी। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाएंगे। पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार जब भी नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती है तो मां पालकी (डोली) में सवार होकर आती है। गुप्त नवरात्र के दौरान तेज बारिश के योग भी बनेंगे। देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ हवन, पुष्पांजलि और महाआरती होगी। सप्तशती के मंत्रों से यज्ञ में आहुतियां दी जाएंगी। शतचंडी, ललिता सहस्त्रनाम और सप्तशती का पाठ होगा।
पंडित मिश्रा के अनुसार 26 जून सर्वार्थ सिद्धि योग, 27 को सर्वार्थ सिद्धि व राज योग, 28 व 29 को रवि योग, 30 जून को कुमार, रवि व सिद्धि योग, 1 जुलाई को रवि व त्रिपुष्कर योग, 2 को सर्वार्थ सिद्धि योग, 3 को रवि योग तथा 4 जुलाई को रवि व शिव योग खरीदारी के लिए शुभ योग है।
इससे पहले आषाढ़ माह की अमावस्या बुधवार को मनाई जाएगी। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि अमावस्या पर इस बार दर्श, अन्वाधान व सर्वार्थ सिद्ध योग रहेगा। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान, पितरों के तर्पण व दान— पुण्य का विशेष महत्व है।
Updated on:
24 Jun 2025 09:36 pm
Published on:
24 Jun 2025 09:35 pm