
Gogaji Maharaj ka itihas in Hindi
सादुलपुर. राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर उपखण्ड के गांव ददरेवा में गोगाजी का लक्खी मेला 2018 परवाना है। सामाजिक समरस्ता के प्रतीक लोकदेवता गोगाजी महाराज की जन्मस्थली ददरेवा के मेले में श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है। गोगाजी के भक्तों में न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा व उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में शामिल हैं।
मेले में श्रद्धालुओं ने दंडवत् प्रणाम कर मंदिर में पहुंचकर गोगाजी के दर्शन कर मनौतियां मांगी। श्रद्धालु दंडवत् चलकर तथा लोकगीत गाती महिलाएं एवं ढोल-नगाड़े बजाते पुरुष हाथों में निशान लेकर गोगाजी के जयकारों के साथ दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। ददरेवा गांव में चारों तरफ गोगाजी के जयकारे गूंज रहे हैं श्रद्धालु निशान व ध्वजा के साथ भक्ति भाव में सराबोर हैं।
श्रद्धालुओं ने गोगाजी के साथ गुरू गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना कर देव से धन-धान्य की मनौतियां मांगी तथा धूप व दीप के साथ जोत लेकर नर-नारियों ने देवता के दर्शन कर नारियल का प्रसाद वितरित किया। इसके अलावा ऐतिहासिक तालाब पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तथा तालाब में स्नान कर श्रद्धालु भक्तों ने अमन-शांति की कामना की। सरपंच रमेश खांडा ने बताया कि सफाई कार्य के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है।
ददरेवा बना गोगामय
ददरेवा गांव में हर तरफ पीत वस्त्र धारण किए गोगाभक्त एवं श्रद्धालु नजर आ रहे हैं। श्रद्धालु तालाब में स्नान कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। खुले वातावरण में ढाब के पानी में चावल पकाकर एवंं गोगाजी को अर्पित कर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगने लगी हैं।
भजन-कीर्तन का दौर
समूचे ददरेवा गांव में यूपी और पंजाब के श्रद्धालु डेरा लगाकर लोकदेवता गोगाजी के भजन-कीर्तन में लगे हंै। तथा अलग-अलग स्थानों पर डेरा लगाकर श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ पूजा-अर्चना कर गोगाजी के दर्शन किए।
जोड़े के साथ की पूजा
हजारों श्रद्धालुओं तथा पति-पत्नी ने तालाब किनारे पूजा की एवं अपने परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की। ददरेवा में लाखों श्रद्धालुओं ने गोगाजी के दर्शन किए। प्राचीन मान्यता एवं दंतकथा अनुसार ददरेवा क्षेत्र में पानी का संकट हमेशा से ही रहा है। कोई पानी का स्रोत भी नही था। जहां दूध बिखरा और तालाब बना तब लोगों की मांग पर गोगाजी ने दूध के तालाब को पानी में परिवर्तित कर दिया तथा वरदान दिया कि इस पानी को खीर बनाने के काम में लेंगे तो पानी दूध का ही काम करेगा।
आज गोगाजी की पूजा
मेले के अन्तर्गत आने वाले श्रद्धालु सोमवार को अष्टमी के दिन लोक देवता गोगाजी की विशेष पूजा-अर्चना की गई तथा अष्टमी की पूजा के साथ ही प्रथम चरण का मेला समाप्त हो जाएगा। श्रद्धालु अष्टमी की पूजा के बाद गोगाजी समाधि-स्थल गोगामेड़ी पहुंचकर गोगानवमी की पूजा-अर्चना कर मन्नोतियां मांगेंगे।
एसडीएम ने किया मेले का निरीक्षण
एसडीएम सुभाष भडिय़ा ने रविवार को मेले का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाओं की जानकारी ली। विद्युत एवं ट्रैफिक व्यवस्था पर एसडीएम ने उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने 24 घंटे चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए तथा सफाई और बिजली व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए।
Published on:
03 Sept 2018 05:52 pm
बड़ी खबरें
View Allसीकर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
