
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर। फोटो: सोशल
सीकर। शिक्षा विभाग में पदोन्नति का इंतजार कर रहे हजारों शिक्षकों के लिए खुशखबर है। शिक्षा विभाग ने सभी बकाया पदोन्नतियों की कवायद शुरू कर दी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक ने सभी संयुक्त निदेशकों व मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।
जिसमें पिछले महीने शिक्षा मंत्री की विभागीय समीक्षा का हवाला देते हुए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की बकाया पदोन्नति कर वर्ष 2025-26 की डीपीसी तथा पूर्व की रिव्यू डीपीसी यथासमय पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
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शिक्षा विभाग में ग्रेड थर्ड से प्रधानाचार्य तक की एक से पांच तक डीपीसी बाकी है। इनमें प्रधानाचार्य की 2024-25 की काउंसलिंग व 2025-26 की पदोन्नति बाकी है। इसी तरह उपप्रधानाचार्य की 2023 से 2025 तक की तीन साल की, व्याख्याता की 2021-22 की रिव्यू व 2023 से 25 तक की तीन साल की पदोन्नति बाकी है। पदोन्नति का सबसे ज्यादा इंतजार ग्रेड थर्ड शिक्षकों को है। उनकी 2021 से 2025 तक की पांच साल की पदोन्नति लंबित है।
शिक्षा विभाग ने स्टाफिंग पैटर्न व लंबित पदोन्नति दोनों की कवायद चल रही है। ऐसे में शिक्षक संगठनों की मांग है कि पहले पदोन्नतियां कर बाद में स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न लागू करना चाहिए। क्योंकि स्टाफिंग पैटर्न के बाद पदोन्नतियां हुई तो फिर शिक्षकों को इधर-उधर करने से शैक्षिक कार्य प्रभावित होगा।
समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग के 16 व 17 सीसीए के लंबित नोटिस भी 15 अगस्त तक अनिवार्य रूप से निस्तारण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।
उन्होंने 16 सीसीए के 31 दिसंबर 2022 व 17 सीसीए के 31 दिसंबर 2023 तक के लंबित प्रकरण इस अवधि में निस्तारित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। कानूनी कारणों से उलझे मसलों को भी विधिक राय लेकर जल्द सुझाने को कहा। इस संबंध में भी शिक्षा विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
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शिक्षा विभाग में पदोन्नति व स्टाफिंग पैटर्न दोनों ही कदम उचित है, लेकिन इसमें पदोन्नति पहले कर बाद में स्टाफिंग पैटर्न लागू करना चाहिए। ये दोनों काम भी नए सत्र से पहले होने पर ही स्कूलों को लाभ मिल सकता है।
-उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शे)
Updated on:
09 Jun 2025 12:09 pm
Published on:
09 Jun 2025 12:08 pm
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