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एसएमएस अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा को देखकर पसीजा दिल,मोहम्मद शरीफ ने ढूंढा ऐसा समाधान जिसने बदल दी पीडि़तों की दुनिया

फतेहपुर क्षेत्र के भाउजी की ढाणी निवासी मोहम्मद शरीफ लगातार मानव सेवा से जुड़े हुए है।

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mohammad shareef

फतेहपुर . जयपुर रहते समय कभी कभार रिश्तेदारों से मिलने के लिए अस्पताल जाना होता था तो एसएमएस अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा को देखकर ऐसा दिल पसीजा की तब से लेकर आज तक मरीजों की मदद करने में जुटे है। पहले अपने स्तर पर मदद करते थे अब ऑफिस बना दी ताकि कोई भी मरीज के परिजन फोन करें व मिले तो उनकी तमाम मदद हो जाती है। फतेहपुर क्षेत्र के भाउजी की ढाणी निवासी मोहम्मद शरीफ लगातार मानव सेवा से जुड़े हुए है। प्रदेश में सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की मदद के लिए तनख्वाह पर आदमी रख रखें है वह वहां आने वाले मरीजों की मदद करते है।


मोहम्मद शरीफ करीब आठ साल से यह काम कर रहे है। उनका मानना है कि पिडि़त यहां पर भटकता रहता है, उसकी मदद से अलग ही खुशी मिलती है। करीब आठ साल में मोहम्मद शरीफ ने 600 से ज्यादा मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में ब्लड दिलवाया। इसके अलावा करीबन 2000 मरीजों को दवाईयां दिलवाई है। इसके अलावा मरीज के साथ आने वाले लोगों के रहने के इंतजाम व खाने का इंतजाम भी करते है। मदद होती देखकर लोग भी अब ज्यादा आने लग गए। आजकल प्रतिदिन 5 से 10 मरीजों के परिजनों का फोन आता है। मरीजों का ओपीडी में नाम लिखवाना, जांच रिपोर्ट लाना सहित सभी कार्य करके मरीज को फायदा पहुंचाने में जुटे है। ना ही तो जाती पूछते है व ना ही धर्म। बिना किसी भेदभाव से पिडि़त मानवता की सेवा के लिए तत्पर है।



ब्लड़, दवाईयों के साथ करते है आर्थिक मदद

एसएमएस अस्पतालों में पहुंचने वाले रोगियों की मोहम्मद शरीफ खान हर तरह से सहायता करते है। एसएमएस के अलावा अन्य अस्पताल में भी जरूरतमंद को ब्लड़ दिलवाते है। इसके अलावा दवाईयों की जरूरत होती है तो दवाईयां भी मुहैया करवाते है। किसी किसी जरूरत मरीज को आर्थिक सहायता भी देते है ताकि उसको इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। आठ साल में अब तक करीब चार हजार से ज्यादा मरीजों को कुछ ना कुछ सहायता उपलब्ध करवाई है। यह सिलसिला लगातार जारी है।



अन्य जिलों की लोगों की भी करते है मदद

मोहम्मद शरीफ सीकर, चुरू, झुंझुनूं सहित सभी जिलों के मरीजों की भी मदद करते है। किसी मरीज की मदद होने पर वह अन्य रिश्तेदारों को अपने आप नंबर दे देता है ऐसे में एसएमएस अस्पताल में दिन रात टीम का कोई ना कोई आदमी मरीजों की देखभाल के लिए जरूर रहता है।