
शादी की मेहंदी भी नहीं उतरी थी, पत्नी की जुदाई में पति ने भी छोड़ी दुनिया, एक ही चिता पर हुआ दाह संस्कार
सीकर/लक्ष्मणगढ़.
husband Wife funeral on Same Time : खाना बनाने के बाद पति को परोसा और खुद ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। पति ने जब आवाज लगाई और जवाब नहीं मिला तो कमरे में पत्नी को फांसी पर झूलते देख वह बर्दाश्त नहीं कर सका। वियोग में उसने भी कूएं में छलांग लगा ली। घर वालों को जब दोनों की मौत का पता लगा तो इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। जिनका कहना था कि सवा महीने पहले हुई शादी की मेहंदी भी नहीं सुखी थी कि दोनों ने मौत को गले लगा लिया। दोनों की 17 मई को शादी हुई थी। हालांकि आत्महत्या के पीछे रहे कारणों का अभी पता नहीं लग पाया है। जिनकी पुलिस छानबीन करने में जुटी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बैरास निवासी योगेश की शादी करीब सवा महीने पहले ही सिंगोदड़ी की सुमित्रा के साथ हुई थी। परिजनों ने बताया कि दोनों पति पत्नी हंसी खुशी साथ में रहते थे। लेकिन, घटना के बाद वे लोग भी सकते में हैं कि रात को सुमित्रा ने योगेश को खाना परोसा और इसके बाद वह अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर बाद योगेश ने उनसे कहा कि वह अपने दोस्त को लाने जा रहा है। लेकिन, काफी देर बाद भी जब घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। कुएं से कुछ दूरी पर बाइक व योगेश की चप्पल खुली देखी तो उन्होंने टॉर्च की रोशनी में कुएं में झाक कर देखा तो योगेश का शव तैरता मिला। जिसकी सूचना ग्रामीण व पुलिस को देने पर उन्होंने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया और इसके बाद परिजनों के हवाले कर दिया। हालांकि मृतका के चाचा श्योजीराम व योगेश के बड़े भाई विकास ने पुलिस को रिपोर्ट दी है। जिसके आधार पर उपखंड अधिकारी डा.कुलराज मीणा पुलिस से मामले की बारीकी से जांच करवा रहे हैं।
दोनों परिवार बेसुध
Husband Wife Suicide in Laxmangarh : घटना के बाद दोनों मृतकों के परिवार के लोग बेसुध हैं। क्योंकि दोनों के बीच कभी उन्होंने विवाद होते नहीं देखा था। सुमित्रा मकान के ऊपर बने कमरे में पंखे से क्यों लटकी और योगेश कुएं में क्यों कूदा। सभी इस बात से दुखी हैं। हालांकि इससे पहले सुमित्रा को पंखे से झूलता देख परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर, योगेश को भी कुएं से बाहर निकालने के बाद अस्पताल लाया गया था। लेकिन, तब-तक उसकी सांस भी रूक गई थी।
मिलनसार था योगेश
योगेश के पिता शुभकरण पिछले 15 साल से विदेश में रहकर ही परिवार का गुजारा चला रहे थे। वे शुक्रवार को ही अपने गांव बैरास पहुंचे थे। बेटे की मौत की खबर सुनकर वे बेसुध हो गए। इधर, लोगों का कहना था कि योगेश मिलनसार और हंसमुख स्वभाव का था। घटना के चार घंटे बाद देरी से हुए पोस्टमार्टम पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद मृतक के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश जोशी, भाजपा नेता मधु दायमा, नेता प्रतिपक्ष संपत चेजारा, सतीश पाटोदा, सरपंच महेश ढ़ेवा मौजूद रहे।
Published on:
28 Jun 2019 11:20 am
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