
सीकर.
अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता। इस शायरी के माध्यम से शायर ने मजदूरों की ताकत का बखूबी बयान किया है। आज पूरी दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन श्रमिकों के हक के लिए दुनिया के एक कोने से आवाज उठी थी। इसके बाद ही श्रमिकों के काम करने के घंटो को घटाया गया और 18 से 8 घंटे किए गए।
गीतकार हसन कमाल ने फिल्म मजदूर में हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, एक बाग नहीं, एक खेत नहीं; हम सारी दुनिया मांगेंगे। महेंद्र कपूर ने इस गाने को आवाज देकर लगता है मजदूरों को आवाज दे दी है। यह गाना याद दिलाता है मजदूरों की उस मेहनत को, जिसके दम पर दुनिया चलती है।
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत
दुनिया के साथ भारत में भी मजदूर दिवस मनाया जाता है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था।
गूगल ने भी मनाया मजदूर दिवस
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस को गूगल विशेष अंदाज में मना रहा है। गूगल ने आज के दिन दुनियाभर के श्रमिकों को याद करते हुए विशेष डूडल तैयार किया है। इस डूडल में हर क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के उपकरणों को शामिल किया गया है। इनमें रबर के ग्लब्स के अलावा किताब, चम्मच, प्लायर, पाइप, सुरक्षा हेलमेट, बैटरी, नट बोल्ट जैसी चीजें शामिल हैं।
मजदूर दिवस कुछ शायदी
परेशानियाँ बढ़ जाए तो इंसान मजबूर होता हैं
श्रम करने वाला हर व्यक्ति मजदूर होता हैं
अमीरी में अकसर अमीर अपने सुकून को खोता है,
मजदूर खा के सूखी रोटी बड़े आराम से सोता है
जिसके कंधों पर बोझ बड़ा,
वो भारत मां का बेटा कौन?
जिसने पसीने से भूमि को सींचा,
वो भारत मां का बेटा कौन?
वह किसी का गुलाम नहीं,
अपने दम पर जीता है
मैं मजदूर हूं मजबूर नहीं,
यह कहने में मुझे शर्म नहीं,
अपने पसीने की खाता हूं,
मैं मिट्टी को सोना बनाता हूं
Published on:
01 May 2018 04:46 pm
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