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HEALTH NEWS: सीबीसी मशीन खराब होने से अस्पताल में नहीं हो रही जांच, नतीजा बैरंग लौट रहे मरीज

राजकीय कपिल जिला अस्पताल में सीबीसी मशीन खराब हो जाने से रक्त संबंधी कई जरूरी जांच नहीं हो पा रही है। इन दिनों डेंगू का प्रकोप ज्यादा होने से अस्पताल में मरीजों को डॉक्टरों द्वारा सीबीसी जांच के लिए लिखा जाता है, लेकिन अस्पताल की लैब से जांच बिना करवाएं ही लौटना पड़ रहा है।

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सीकर

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Mukesh Kumawat

Oct 01, 2023

SPECIAL NEWS: सीबीसी मशीन खराब होने से अस्पताल में नहीं हो रही जांच, नतीजा बैरंग लौट रहे मरीज

SPECIAL NEWS: सीबीसी मशीन खराब होने से अस्पताल में नहीं हो रही जांच, नतीजा बैरंग लौट रहे मरीज

नीमकाथाना. राजकीय कपिल जिला अस्पताल में सीबीसी मशीन खराब हो जाने से रक्त संबंधी कई जरूरी जांच नहीं हो पा रही है। इन दिनों डेंगू का प्रकोप ज्यादा होने से अस्पताल में मरीजों को डॉक्टरों द्वारा सीबीसी जांच के लिए लिखा जाता है, लेकिन अस्पताल की लैब से जांच बिना करवाएं ही लौटना पड़ रहा है। दो दिनों से मजबूरी में मरीजों को बाहर से निजी सेंटर पर पैसे देकर जांच करवानी पड़ रही है। हर दिन औसतन दो सौ मरीजों को बिना जांच कराए लौटना पड़ रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना लागू की थी। उद्देश्य यही था कि मरीजों की जांचें निशुल्क हो और वे स्वस्थ रहें, लेकिन यहां जिला अस्पताल में संसाधनों की कमी होने से निशुल्क जांच की सुविधा फेल हो रही है।

बिना जांच के मरीज उपचार को मजबूर

मशीनों के अक्सर खराब हो जाने की स्थिति में करीब 300 मरीज प्रभावित होते हैं। अस्पताल में जरूरी जांच न होने से मरीजों पर 200 से 500 रुपए तक का खर्च बढ़ा है। जांच में अधिक राशि लगने के कारण गरीब मरीज बिना जांच के ही अपना उपचार कराने के लिए मजबूर हो गए हैं। निजी लैब में सीबीसी जांच में करीब 200 रुपए एवं बायोकेमेस्ट्री जांच में करीब 500 रुपए का खर्च आता है।

ज्यादा लोड से दूसरी मशीन भी हुई खराब

अस्पताल में दो मशीन लगी हुई है। पुरानी मशीन सात दिन पहले खराब हो गई, इससे दूसरी मशीन पर प्रतिदिन करीब 350 जांच होने से पूरा भार एक मशीन पर पड़ जाने से दो दिन पहले वह भी खराब हो गई। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में अस्पताल में लगाई गई मशीन नियमानुसार 10 वर्ष कंडम हो जाती है। फिर भी अस्पताल प्रशासन की ओर से बार-बार इसे सही करवा कर जांच की जा रही है।

5 पार्ट मशीन मिले तो बने बात

नीमकाथाना नवसृजित जिला होने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इस भार को देखते हुए यहां पर दो पांच पार्ट सीबीसी मशीन की आवश्यकता है। इससे 500-600 मरीजों तक सीबीसी निकाली जा सकती है।

प्रस्ताव भेजे हैं....

मरीजों की संख्या बढऩे से ऐसी स्थिति बनी है। सीबीसी मशीन ठीक करवाई जा रही है। बात रही नई खरीदने की तो सीबीसी व बायोकेमेस्ट्री मशीन के लिए एमआरएस की मीटिंग में सहमति ले ली गई थी। जिला कलक्टर को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजे हुए है। वहां से अनुमति मिलते ही नई मशीन खरीद ली जाएगी।

डॉ सुमित गर्ग, पीएमओ कपिल जिला अस्पताल, नीमकाथाना