
भक्तिभाव से हुआ दसलक्षण पर्व का समापन, व्रतियों का पारणा कल
सीकर. जैन धर्म के पर्वाधिराज दसलक्षण महापर्व का समापन गुरुवार को भक्तिभाव से हुआ। अंतिम दिन सभी जैन मंदिरो में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा व अनंत चतुर्दशी के कलशाभिषेक हुए। भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी पर भगवान वासुपुज्य के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर जैन मंदिरों में सुबह जिनेन्द्र प्रभु के अभिषेक व शांतिधारा बाद निर्वाण लाडू अर्पित किया गया। प्रवक्ता विवेक पाटोदी ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर सेठी कॉलोनी जैन मंदिर में श्री जी की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। इसके बाद कलशाभिषेक हुए। शाम को बजाज रोड स्थित नया मंदिर, जाट बाजार स्थित दीवान जी की नसियां, बावड़ी गेट स्थित बड़ा मंदिर में ब्रह्मचारिणी सरिता दीदी व बबीता दीदी के सानिध्य में अनंत चतुर्दशी के कलशाभिषेक हुए ।
आत्मा ही ब्रह्म
कार्यक्रम में ब्रह्मचारिणी सरिता दीदी ने आत्मा को ही ब्रह्म बताते हुए ब्रह्म रूपी आत्मा में चर्या करने को ही ब्रह्मचर्य बताया। उन्होंने कहा आत्म चिंतन व मंथन के साथ आत्मा में रमण और मन व इंद्रियों पर नियंत्रण के साथ स्व की खोज ही उत्तम ब्रह्मचर्य है। देवीपुरा मंदिर कमेटी अध्यक्ष पदम पिराका व मंत्री पंकज दुधवा ने बताया कि प्रात: शांतिधारा का सौभाग्य महावीर प्रसाद, नरेंद्र कुमार, निलेश कुमार छाबड़ा परिवार दुधवा वाले व निर्वाण लाडू का सौभाग्य सुशील कुमार प्रदीप कुमार, दिलीप कुमार, अनिल कुमार व सुनील कुमार छाबड़ा परिवार को मिला।
कल पारणा व शोभायात्रा
विवेक पाटोदी ने बताया कि दसलक्षण व्रतियों का पारणा शुक्रवार को उनके निवास पर होगा। इसके बाद मंदिर से चारों व्रतियों की शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर के मनोज बाकलीवाल व उनकी पत्नी अलका बाकलीवाल, तनीषा बडज़ात्या व सुरेश बडज़ात्या ने दसलक्षण के 10 कठिन उपवास किए हैं।
मेले की पत्रिका का विमोचन
रैवासा स्थित दीवान जी की नसियां में वार्षिक मेला 15 अक्टूबर से आयोजित होगा। मेले की पत्रिका का विमोचन ब्रह्मचारिणी सरिता दीदी व बबीता दीदी के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर रैवासा मंदिर के समस्त कमेटी सदस्य व समाज के लोग उपस्थित थे ।
Published on:
28 Sept 2023 07:23 pm
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