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आरपीएससी में अटकी बेरोजगारों की नौकरी की उम्मीद

कॉलेज शिक्षा की लाईब्रेरिन व पीटीआई भर्ती से जुड़ा है मामला, नए कॉलेज को कैसे मिली मंजूरी80 हजार से अधिक बेरोजगारों को इंतजार

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सीकर

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Ajay Sharma

Nov 12, 2022

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विद्या सम्बल, सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संविदा की भर्ती

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों की शिक्षा की डोर मजबूत करने का दावा कागजी साबित हो रहा है। सरकार की ओर उच्च शिक्षा के लिए नए कॉलेजों झडी लगा दी। लेकिन लाईब्रेरिन और शारीरिक शिक्षकों की भर्ती को अनलॉक नहीं किया जा रहा है। पहले कार्मिक विभाग ओर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक साल तक भर्ती को उलझाए हुए रखा। अब उच्च शिक्षा विभाग ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के पाले में गेंद डाल दी। लेकिन अब राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती पर कुण्डली मार ली है। इस वजह से प्रदेश के युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। सरकार के दोनों भर्तियों को अनलॉक होते ही प्रदेश के 80 हजार बेरोजगारों की नौकरी की उम्मीद भी पूरी हो सकेगी।

तकनीकी जांच में अटकी भर्ती
दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग गु्रप तीन की ओर से एक नवम्बर को राजस्थान लोक सेवा आयोग को भर्ती नियमों की तकनीकी जांच के लिए फाइल भेजी गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सितम्बर महीने में भी आयोग को फाइल भिजवाई थी। लेकिन आयोग ने कुछ बिन्दुओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दिनों फाइल भिजवाई थी।

457 में से 27 कॉलेजों में ही पद
प्रदेश में फिलहाल 450 से ज्यादा कॉलेज संचालित है। लेकिन फिलहाल 27 कॉलेजों में ही लाईब्रेरिन कार्यरत है। कॉलेजों में लाईब्रेरिन नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ रही है। बेरोजगारों का सवाल है कि एक तरफ निजी कॉलेजों पर सभी मापदंड लगाकर मान्यता दी जा रही है। जबकि सरकारी कॉलेजों को पूरी छूट दे दी गई। जबकि वित्तिय स्वीकृति पहले ही जारी कर दी गई।


भर्ती का इंतजार, कई अभ्यर्थी हो गए ओवरएज

केस एक वर्षो से बेरोजगारी की मार
उदयपुर निवासी एक अभ्यर्थी 1999 में बी लिब व एम लिब किया था। उन्होंने 2012 में नेट व 2014 में पीएचडी की। लेकिन भर्ती नहीं होने से अब भी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। 1977 का जन्म होने के कारण अब ओवरएज हो चुके हैं।

केस दो मजबूरी में निजी क्षेत्र में नौकरी
अभ्यर्थी सुरेश कुमार, आशा व निधि भार्गव ने बताया कि सरकार की देरी का खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। मजबूरी में बेरोजगारों की ओर से निजी क्षेत्र में नौकरी करनी पड़ रही है।

एक्सपर्ट व्यू
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 30 साल से भर्ती नहीं हुई है। इस वजह से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। पहले भर्ती उच्च शिक्षा विभाग और कार्मिक विभाग में अटकी रही। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से हरी झंडी नहीं दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग को इस मामले में दखल कर जल्द भर्ती की विज्ञप्ति को अनलॉक कराना चाहिए जिससे बेरोजगारों की राह खुल सके।
नरेन्द्र वर्मा, प्रवक्ता, कॉलेज लाईब्रेरियन भर्ती संघर्ष समिति

फैक्ट फाइल
प्रदेश में सरकारी कॉलेज 457
नए कॉलेज खुले 89
लाईब्रेरियन कितने कॉलेजों में 27
कितने सालों से भर्ती नहीं 30
कॉलेजों में नियमित विद्यार्थी: 5 लाख से अधिक
अब तक घोषणा 4 बार
प्रस्ताव तैयार हुआ 2021 में

डिजलटलीकरण का दावा कमजोर...
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से लाइब्रेरी को डिजिटल करने का दावा भी कई साल से किया जा रहा है। सरकार ने बजट में 40 सरकारी कॉलेजों की लाइब्रेरी को कंप्यूटराइज्ड करने की घोषणा की थी। यह घोषणा भी अभी तक कागजी साबित हो रही है।