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कार्यालय नैनवां में, संचालित हो रहा बूंदी से

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का संचालन जल ग्रहण व भू संरक्षण विभाग के अधिकारियों को करना है।

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सीकर

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Abhishek Pareek

Jan 29, 2016

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का संचालन जल ग्रहण व भू संरक्षण विभाग के अधिकारियों को करना है। जबकि परियोजना के सहायक अभियंता नैनवां का कार्यालय तो सिर्फ कागजी कार्यालय ही बना हुआ है। जब भी जल ग्रहण या भूसंरक्षण संबंधी कार्यक्रम होता है या पंचायत समिति की बैठक होती है तो पूरा कार्यालय स्टाफ एक जीप में बैठकर चला आता है। दिनभर पंचायत समिति परिसर में बैठकर वापस लौट जाता है।

बुधवार को भी मुख्यमंत्री जल स्ववालम्बन अभियान की शुरुआत कराने के लिए नैनवां में नियुक्त पूरा स्टाफ जीप में बैठकर आया और शाम को वापस लौट गया। नैनवां में नियुक्त सहायक अभियंता सहित अन्य अधिकारी नैनवां में कार्यालय खोलकर बैठने की बजाए बूंदी परियोजना के जिला प्रबंधक कार्यालय में हाजिरी दे रहे हैं। जबकि उनको पंचायत समिति कार्यालय में कक्ष भी उपलब्ध करा रखा है।

नैनवां में परियोजना कार्यालय में सहायक अभियंता राजेश धनोप्या, तकनीकी विशेषज्ञ नरेन्द्र डोई, थानमल नागर पशुपालन विशेषज्ञ भूपेन्द्रसिंह हाडा, सामाजिक विशेषज्ञ हीना कोसर नियुक्त हैं। आठ वर्षों से चल रही इस पोल को रोकने वाला कोई भी नहीं है।

कुछ दिन चलाकर बंद कर दिया
नैनवां क्षेत्र डार्क जोन घोषित होने से राज्य सरकार ने जल ग्रहण व भू संरक्षण के कार्य कराने के लिए वर्ष 2007-08 में नैनवां में जल व भू सरंक्षण का सहायक अभियंता कार्यालय खोला था। कुछ दिनों तक पंचायत समिति के एक कक्ष में कार्यालय संचालित तो किया लेकिन उसके बाद कार्यालय को बंद कर वापस परियोजना के जिला प्रबंधक के कार्यालय में जाकर बैठने लग गए।

भवन उपलब्ध कराने के बाद भी नहीं किया कार्यालय संचालित
विकास अधिकारी एमएल मीना ने बताया कि परियोजना के कार्यालय संचालन के लिए पंचायत समिति में नवनिर्मित सांख्यिकी भवन उपलब्ध करा रखा है। लेकिन उसके बाद भी नैनवां में कार्यालय संचालित नहीं किया जा रहा। परियोजना कार्यालय की कोई भी डाक आती है तो उसको पंचायत समिति के कर्मचारियों को ही संभालकर रखनी पड़ती है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के संचालन की जिम्मदारी परियोजना के अधिकारियों की होने के बाद भी कार्यालय का संचालन नहीं किया।

इनका कहना है
परियोजना के नैनवां में नियुक्त सहायक अभियंता राजेश धानोप्या का कहना है कि फील्ड स्टाफ की नियुक्ति हो रही है। कार्यालय के लिए कोई स्टाफ नहीं लगाने से कार्यालय शुरू नहीं कर पा रहे। परियोजना के जिला प्रबंधक ने फील्ड में नियुक्त स्टाफ को भी बूंदी में लगा रखा है।