
सीकर। सम्पूर्ण कर्ज माफी और फसलों को उचित मूल्य दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर महापड़ाव डाले हजारों किसान सोमवार को सडक़ों पर उतर आए। किसानों ने पूरे शहर में मुख्यमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। किसानों का रैला इस कदर उमड़ा कि पूरा शहर थम गया।
-करीब चार घंटे तक मानों तो शहर में सब कुछ किसानों के कब्जे रहा।
-हर जुबां पर किसानों की रैली और आगामी चुनावों की तैयारी को लेकर चर्चाएं होती रही।
-लोगों ने अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसानों की मांगों को जायज बताया।
-जगह-जगह पुष्पवर्षा कर रैली का स्वागत किया।
- रैली बजरंग कांटा, दो नम्बर डिस्पेंसरी, दूजोद गेट, चांदपोल गेट, सालासर स्टेंड, पुरानी कोतवाली होते हुए जाट बाजार पहुंची।
-बकरामंडी के व्यापारियों ने किसानों का स्वागत किया और इसके बाद मुख्यमंत्री के पुतले को फूंक कर नारेबाजी की गई।
-इसके बाद किसान रैली के रूप में सिल्वर जुबली रोड़, बजरंग कांटा होते हुए कृषि उपज मंडी पहुंचे। इसके बाद किसानों की सभा हुई।
विपक्ष की चुप्पी पर बरसे अमराराम
कृषि उपज मंडी में हुई सभा में किसान नेता अमराराम ने कहा कि पिछले चार दिन से किसान खुले आसमां तले, घर परिवार छोडकऱ खुद का हक मांग रहा है लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रैंग रही है। प्रदेश की विधानसभा में भाजपा का बहुमत है और भाजपा के १६१ एमएलए चुप्पी साधे बैठे है। खुद को किसानों के हमदर्द बताने वाले ३९ एमएलए भी किसानों के इस संघर्ष में साथ नहीं दे रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कहने के लिए विपक्ष में बैठे ये नेता भी सरकार के आगे-पीछे दुम हिला रहे हैं।
जाम हो गया शहर
कृषि उपज मंडी से दोपहर करीब एक बजे रवाना हुई रैली के कारण रोडवेज डिपो, बजरंग कांटा, दो नम्बर डिस्पेंसरी, चांदपोल गेट, सालासर स्टैंड, जाट बाजार, स्टेशन रोड, कल्याण सर्किल, बजरंग कांटा होते हुए वापस कृषि उपज मंडी लौट गए। रैली के कारण शहर की अधिकांश गलियों में वाहन नजर आए। अपने घरों तक जाने के लिए कई किलोमीटर का चक्कर लगाने पड़े।
Published on:
04 Sept 2017 06:49 pm
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